जब आप सफल होते हैं तब अपनी असफलता पर बात कर सकते हैं, जब आप लाइफ में आगे बढ़ जाते हैं तब पीछे मुड़कर अपनी कमजोरियों की चर्चा कर सकते हैं... पिछले दिनों IAS Awanish Sharan ने थर्ड डिवीजन वाली मार्कशीट शेयर की तो सोशल मीडिया पर उनकी तारीफों के पूल बांधे जाने लगे। दरअसल आज हम अंकों की प्रतिस्पर्धा के जिस भयानक दौर से गुजर रहे हैं उसमें हर बच्चा सिर्फ 100 प्रतिशत ही चाहता है चाहे उसके लिए उसे अपनी सेहत, सपने और सुखों की बलि ही क्यों न देनी पड़े। ऐसे में IAS Awanish Sharan ने मिसाल कायम की है और समाज में यह संदेश दिया है कि अंकों की भूख हमें कहीं नहीं लेकर जाती बल्कि भीतर की आग हमें आगे ले जाती है।
हमें अपना नजरिया उन बच्चों के प्रति बदलने की जरूरत है जो आज न्यूनतम अंक लाकर उपेक्षा और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। कम अंक लाने वाला कब अपने अंतरतम को झकझोर कर, किस बात से प्रेरणा लेकर कैसे सफलता के परचम लहरा देगा आप सोच भी नहीं सकते बशर्ते उसे स्वस्थ माहौल भी दिया जाए।
आज जब छोटी-छोटी बातों पर बच्चे आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा रहे हैं तब अंकों को लेकर बन रही और पनप रही मरकाट वाली मानसिकता को सख्ती से तोड़े जाने की जरूरत है।
IAS Awanish Sharan ने यह संदेश बच्चों के साथ उनके पेरेंट्स को भी दिया है कि अगर वे थर्ड डिविजन के बाद छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईएएस अधिकारी के पद तक जा सकते हैं तो समाज में कुछ भी संभव है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अवनीश शरण का जीवन
अवनीश शरण बेहद गरीब परिवार से थे। बचपन लालटेन की रोशनी में पढ़कर बिताया करते थे। 10वीं और 12वीं कक्षा तक भी एक औसत छात्र रहे। जिसका उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। आज वे कई युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उनके ट़्विटर हैंडल पर चार लाख 20 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
10वीं में 314 अंक
अवनीश शरण ने सोशल मीडिया पर अपनी 10वीं कक्षा की मार्कशीट शेयर की है। मार्कशीट में देखा जा सकता है कि अवनीश 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में थर्ड डिवीजन यानी तृतीय श्रेणी से पास हुए थे।
उन्हें 700 में से सिर्फ 314 अंक मिले हैं। मार्कशीट के अनुसार, हिंदी में 100 में से 54 अंक, संस्कृत में 100 में से 30 अंक, गणित में 100 में से 31 अंक, फिजिक्स में 50 में से 21 अंक, केमिस्ट्री में 50 में से 18 अंक, बायोलॉजी में 50 में से 26 अंक मिले हैं। इसके बावजूद वे आईएएस अधिकारी बने हैं।
आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने अपनी मार्कशीट शेयर कर संदेश दिया है मार्कशीट के अंक आपका जीवन और करियर निर्धारित नहीं करते हैं। आपका हौसला और हिम्मत आपको शिखर पर ले जाते हैं।
अक्सर माता-पिता बच्चों के कम नंबर आने पर डांट लगाते हैं जो हर दृष्टि से अनुचित है। अगर, असफल बच्चों को प्यार और शांति से समझा कर मार्ग दिखाया जाए तो वे भी पद, प्रतिष्ठा, प्रगति और प्रशंसा के हकदार हो सकते हैं।