आई लव यू मॉम
एक पत्र, हर मां के नाम
दुनिया की सारी मां, मेरा विनम्र नमन स्वीकारें, आज मातृ दिवस है। यह दिन 'मात्र' दिवस बन कर ना रह जाए, इसलिए शब्दों के गंधरहित फूल और भावनाओं के छलछलाते अर्घ्य को लेकर आपके समक्ष उपस्थित हूं। इस एक पाती को आप अपनी 'कृतज्ञ' से लेकर मेरी तरह 'कृतघ्न' संतानों का कटघरा मान सकतीं हैं। आज इस पाती में, मैं आपकी संतानों की तरफ से उन सारे गुनाहों को कबूलना चाहती हूं जो जान-अनजाने हमने आपके प्रति किए हैं। करते रहें हैं। करते जा रहें हैं। शायद आगे भी करते रहेंगे। मुझे नहीं लगता कि हम कभी सुधर पाएंगे, या सुधर सकेंगे। खासकर जब मामला आपका या आपसे जुड़ा हो। कारण बताने की आवश्यकता नहीं फिर भी कहूंगी कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आप हमारे दिल के सबसे करीब होतीं है। इस गहराई का अंदाजा इस बात से लगा सकतीं है कि यह बात हम कभी जुबान पर नहीं ला पाते, और जो बात जुबान पर नहीं आ पाती वही सबसे सच्ची होती है। तो यह हुआ पहला अपराध- हम कभी नहीं कहते कि आप हमारे लिए कितनी स्पेशल है, जबकि सच यही है। अब जब बात अपराध गिनाने की चल ही पड़ी है तो काहे का आलेख और काहे की पाती। हम सीधे-सीधे हिसाब कर लेते हैं। आपके प्रति हमारा दूसरा गुनाह होता है कि हम उस वक्त कभी फ्री नहीं होते जब आपको हमसे कुछ कहना होता है। हमें हमेशा लगता है कि आपसे तो हम बाद में भी बात कर लेंगे (यह बात और है कि वो 'बाद' कभी नहीं आता) या फिर मां की बातें हमेशा इतनी एक-सी होती है कि हमें लगभग रट चुकी होती है। मसलन,कुछ मिली-जुली बानगी देखिए, गर्मियों में प्याज जेब में रखना, कैरी का पना पीना, लू से बचने के लिए गुलाब जल मिलाकर रूई के फाहे कान में लगाना, भूखे मत रहना, शाम को जल्दी घर आ जाना, गाड़ी धीरे चलाना, दोस्तों के साथ कहीं बिना बताएं मत जाना, '
ऐसी-वैसी' आदत मत डालना,दवाई समय पर लेना, तबियत का ख्याल रखना, तुम ठीक तो हो ना, आज परेशान क्यों लग रहे हो, थके हुए क्यों हो?कहां गए थे, कितनी बजे आओगे, किसके साथ जा रहे हो, सबका फोन नंबर देकर जाओ, थोड़ा पढ़ भी लिया करों, ट्यूशन पर देर नहीं हो रही, टेप धीमे चलाया करो, मोबाइल को चुल्हे में डाल दूंगी, रात को इसे बंद क्यो नहीं करते, दिन भर एसएमएस, 24
घंटे लैपटॉप... ये क्या लगा रखा है रूम में, कपड़े धोने में क्यों नहीं देते, कितना गंदा वॉलपेपर है डिलीट करो इसे, जिंस फट गई है अब तो फेंक दो, बाल कटवा लेना कल, दाढ़ी क्यों बढ़ा रखी है, दिन भर रोते हुए गाने क्यों सुनते हो? कितना शोर है इस म्यूजिक में, कुछ समझ आ रहा है मैं क्या कह रही हूं सुना तुमने? उफ!!! इस सूची का कोई अंत नहीं।