मणिपुर में वोटरों को लुभाने में भाजपा और कांग्रेस ने झोंकी पूरी ताकत
इम्फाल। मणिपुर में 4 और 8 मार्च को 2 चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने यहां अपने-अपने स्तर पर मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यमंत्री ओेकराम इबोबी सिंह, उपमुख्यमंत्री गैखांघम और कांग्रेस अध्यक्ष टीएन हाओकिप के हाथ में है। इबोबी मैती समुदाय से, गैखांघंम नागा समुदाय से और हाओकिप कुकी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और ये अपने स्तर पर इन समुदायों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
इसके अलावा धर्मनिरपेक्ष छवि तथा विकासात्मक मुद्दों को भी भुनाया जा रहा है। कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी आलाकमान नेताओं को पहले ही अवगत करा दिया है कि वे अपने बूते पर चुनाव प्रचार अभियान को संभाल लेंगें।
राज्य में भाजपा का एक ही विधायक है और इसे देखते हुए पार्टी चुनाव प्रचार में अपने सारे बड़े नेताओं को उतार रही है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू, मणिपुर के भाजपा प्रभारी प्रहलाद पटेल, असम के वित्तमंत्री हेमंता बिस्वास और अन्य नेता भाजपा के चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 25 फरवरी को मणिपुर आने की संभावना है।
पार्टी प्रत्याशियों तथा मतदाताओं से मिलने के लिए राज्य के दौर पर रहे केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा एनएससीएन-आईएम के बीच हुए समझौत की वजह से मणिपुर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राज्य में क्षेत्रीय अस्मिता एक बहुत बड़ा मुद्दा है और राज्य के लोगों ने अपने क्षेत्रीय हितों के साथ समझौता किए जाने का हमेशा विरोध किया है। उन्होंने कहा था कि राज्य में सभी जिलों को जोड़ने के लिए भाजपा 4 लेन वाली सड़कों का निर्माण करेगी तथा जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। (वार्ता)