शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महावीर जयंती
  4. महावीर जयंती कब है 2024 में?
Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 16 अप्रैल 2024 (15:33 IST)

mahavir jayanti | महावीर जयंती कब है 2024 में?

mahavir jayanti | महावीर जयंती कब है 2024 में?
Lord Mahavir Jayanti 
 
HIGHLIGHTS
• भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है।
• भगवान महावीर का जन्म कब और कहां हुआ था।
• महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है। 
 
2024 Mahavir Jayanti: भगवान महावीर की जयंती जैनों का सबसे प्रमुख पर्व है। इसे महावीर जन्म कल्याणक के नाम से अधिक जाना जाता है। यह पर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। जैन समाज द्वारा पूरी दुनिया में भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप में 'महावीर जयंती' मनाई जाती है। चैत्र मास के 13वें दिन यानी चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को दिगंबर और श्वेतांबर जैन एकसाथ मिलकर इस उत्सव को बहुत ही हर्षोल्लासपूर्वक मनाते हैं। 
 
जैन कैलेंडर तथा धर्मावलंबियों के अनुसार वर्ष 2024 में भगवान महावीर स्वामी की जयंती 21 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी। महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी तिथि के दिन कुंडलपुर में हुआ था। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म नाम 'वर्धमान' था। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला/ प्रियंकारिनी था। 
 
ईसा से 599 वर्ष पहले वैशाली गणतंत्र के क्षत्रिय कुंडलपुर में पिता सिद्धार्थ और माता त्रिशला के यहां तीसरी संतान के रूप में चैत्र शुक्ल तेरस/ त्रयोदशी को वर्धमान का जन्म हुआ। यही वर्धमान आगे चलकर महावीर स्वामी बने। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का आज का जो बसाढ़गांव है, वही उस समय वैशाली के नाम से जाना जाता था।
 
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर और अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओत-प्रोत था। जिस युग में हिंसा, पशु बलि, जाति-पाति के भेदभाव बढ़ गए थे, उसी युग में भगवान महावीर ने जन्म लिया। दुनिया को उन्होंने सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और उपदेश दिए। 
 
वर्धमान यानी महावीर स्वामी ने मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी को दीक्षा ग्रहण की तथा वैशाख शुक्ल दशमी को महावीर स्वामी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। और कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन 72 वर्ष की आयु में में पावापुरी में निर्वाण प्राप्त हुआ था। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।