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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (15:01 IST)

Inside story: मध्यप्रदेश के उपचुनाव में घुटनों के बल बैठे शिवराज,जरूरी या मजबूरी ?

Inside story: मध्यप्रदेश के उपचुनाव में घुटनों के बल बैठे शिवराज,जरूरी या मजबूरी ? - Why Shivraj Singh Chauhan bows down to Party workers in the by-election
भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार का भविष्य तय करने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत की राह में कई कांटे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए सभी नेता उपचुनाव में फिर भाजपा के टिकट पर मैदान में है। भले ही सिंधिया समर्थक भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर गए है लेकिन अब भी वह भाजपा के अंदर पूरी तरह रच-बस नहीं पाए है। स्थानीय स्तर पर भाजपा के कार्यकर्ता और सिंधिया के साथ आए कार्यकर्ताओं का गुट चुनावी दौर में भी सामंजस्य नहीं बैठा पा रहा है।
 
जैसे-जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है, भाजपा के बड़े नेताओं में भी भीतरघात का डर साफ तौर पर देखा जाने लगा है। कार्यकर्ताओं के अंसतोष को दूर करने और सिंधिया समर्थक नेताओं की जीत की राह सुनिश्चत करने के लिए एक तरह से अब कमान अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाल ली है। 
 
शुक्रवार को उपचुनाव वाली सीट सुवासरा में कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अचानक से मंच पर घुटनों के बल बैठ गए। पंद्रह दिन में दूसरी बार कार्यकर्ता सम्मेलन में सुवासरा पहुंचे शिवराज ने घुटनों के बल बैठकर कार्यकर्ताओं को नमन किया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि क्योंकि मैं दिल से ज्यादा और दिमाग से कम राजनीति करता हूं और आज मेरा दिल कह रहा है कि शिवराज यहां बैठकर शीश झुकाकर तुम मंदसौर और नीमच की जनता को प्रणाम करो और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दो। 
 
चुनावी मंच से इमोशनल कार्ड चलने वाले शिवराज ने कार्यकर्ता को एकजुटता का संकल्प दिलाते हुए कहा कि अकेला सरदार क्यों घूमे बेचारा,हम सब कार्यकर्ताओं का चुनाव है। सीएम के संबोधन के दौरान सुवासरा सीट पर पार्टी के आए फीडबैक का भी असर साफ तौर पर दिखाई दिया।

उन्होंने मंच से पिछले चुनाव में हारे पार्टी के उम्मीदवार राधेश्याम पाटीदार का नाम लेकर कहा कि वह उनके साथ है। शिवराज ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंदसौर में पानी तब आएगा जब सरकार बनी रहेगी, उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या मामा को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए लेकिन मामा तभी रहेगा जब यह डंग रहेगा।

वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि शिवराज का सुवासरा में चुनावी सभा में घुटनों के बल बैठना उनके लिए जरूरी और मजबूरी दोनों ही था। सुवासरा एक ऐसी सीट है जो पिछले चुनाव में हरदीप सिंह डंग ने मात्र 350 वोटों के अंतर जीती थी है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा की राह पहले से ही आसान नहीं है और ऊपर से पार्टी के कोर कार्यकर्ताओं की नाराजगी। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने एक इमोशनल कार्ड खेला है।

चौथी बार के मुख्यमंत्री शिवराज अच्छी तरह से इन चुनावों की अहमियत जानते है। वह यह भी जानते है कि सहानुभूति कार्ड के सहारे कैसे चुनाव जीता जाता है। ऐसे में जब उपचुनाव में शिवराज ही पार्टी के चेहरा है तो  कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने, उनको एकजुट करने और वोटरों को रिझाने के लिए शिवराज ने एक मास्टर स्ट्रोक चला है। भले ही शिवराज ने सुवासरा में मंच पर बैठे हो लेकिन उसका असर सभी 28 सीटों पर होगा और अब भाजपा  इसको चुनावी मैदान में भी भुनाएगी।