1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Strict action will be taken against those who damage government and private property in Madhya Pradesh
Written By Author विकास सिंह
पुनः संशोधित गुरुवार, 23 दिसंबर 2021 (17:42 IST)

मध्यप्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से अब होगी दोगुनी वसूली,विधानसभा में पास हुआ कानून

धरना, प्रदर्शन, आंदोलन की आड़ में आग लगाने, तोड़फोड़ और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

भोपाल। मध्यप्रदेश में धरना, विरोध प्रदर्शन, जुलूस या सांप्रदायिक दंगे के दौरान पत्थरबाजी  और उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रवाधान वाला विधेयक आज विधानसभा से पारित हो गया है। अब धरना, प्रदर्शन, आंदोलन की आड़ में आग लगाने, तोड़फोड़ और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ओबीसी आरक्षण के मुद्दें पर विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट के बीच विधानसभा ने ‘मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक-2021' को अपनी मंजूरी दे दी। 
 
विधेयक पास होने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधेयक पास होने के बाद अब शासकीय, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को विरोध प्रदर्शन, जुलूस या सांप्रदायिक दंगे के दौरान नुकसान पहुंचाने वाले अब कानून के दायरे में आ गए है। ऐसे लोगों को आगाह कर रहा हूं कि उनकी अब खैर नहीं है। 
 
नए कानून के सख्त प्रावधान-
 
1-साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस के दौरान सरकारी अथवा निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली आंदोलनकारियों या प्रर्दशनकारियों से की जाएगी। 
2-व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के द्वारा साम्प्रदायिक दंगा, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, मार्च, जुलूस, सड़क यातायात अवरूद्ध करना या ऐसे किसी भी जमाव से, जिससे कि किसी सम्पत्ति को नुकसान हो, ऐसे कृत्य से हुये नुकसान का निर्धारण क्लैम ट्रिब्यूनल से किया जाएगा।
3-संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली के लिए एवं किए गए नुकसान का निर्धारण करने के लिए क्लैम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।  
4-सरकारी संपत्ति में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि और निजी संपत्ति में मालिक किरायेदार कब्जेदार, नियंत्रणकर्ता शामिल हैं।
5-सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान के मामले में जिला मजिस्ट्रेट या उस सम्पत्ति का प्रभारी शासकीय अधिकारी के द्वारा याचिका प्रस्तुत की जावेगी और निजी सम्पत्ति के मामले में सम्पत्ति के स्वामी के द्वारा याचिका प्रस्तुत की जाएगी।
6-राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव के समकक्ष अधिकारी को क्लैम ट्रिब्यूनल में नियुक्त किया जा सकेगा।
7-ऐसे अधिकरण को सिविल न्यायालय की समस्त शक्तियां प्राप्त होंगी।
8-क्लैम ट्रिब्यूनल से नुकसान का निर्धाररण 15 दिन में जमा नहीं करने पर चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी की जा सकेगी।
 
 
ये भी पढ़ें
जब पहली बार ‘मैसेज’ भेजा गया तो दुनिया हैरान थी, अब वही मैसेज NFT के जरिये बिका, जानिए क्‍या लि‍खा था दुनिया के पहले मैसेज में?