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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023 (23:15 IST)

उमा भारती ने 'मधुशाला' में खोली 'गोशाला', शुरू की 'शराब छोड़ो दूध पियो' की मुहिम, लगाएंगी गऊ अदालत

उमा भारती ने 'मधुशाला' में खोली 'गोशाला', शुरू की 'शराब छोड़ो दूध पियो' की मुहिम, लगाएंगी गऊ अदालत - Shivraj and Uma Bharti face to face on liquor policy
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नई शराब नीति को लेकर अब सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर रही उमा भारती ने अब सड़क पर आंदोलन शुरु कर दिया है। भोपाल में शराब की दुकान सामने मंदिर में धरना देने वाली उमा भारती ने अब रामराजा की नगरी ओरछा में शराब की दुकान के आगे गाय बांध कर नए तरह की लड़ाई छेड़ दी है।
 
दअसल उमा भारती अपनी शराब विरोधी मुहिम की तरह ओरछा पहुंची थी और उन्होंने विवेकानंद तिराहे पर चल रही एक शराब की दुकान के सामने गाय को बांध दिया। इतना ही नहीं उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा कि 'शराब वितरण पर नियंत्रण सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन गौ-पालन, गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन यह पूर्णतया समाज की जिम्मेदारी है। आज भगवान राम राजा सरकार के दरबार में शराब की दुकान के सामने गाय खड़ी करके यही मेरी अपील है।
 
इतना ही नहीं उमा भारती ने आगे लिखा कि हमारी पहली गऊ अदालत मऊरानीपुर के पास स्थित केदारेश्वर महादेव के पास 10 से 15 फरवरी के बीच में लगेगी, जिसमें हमारा किसानों और समस्त समाज से निवेदन होगा कि 'शराब छोड़ो दूध पियो' गऊ का पालन करो, गौशालाओं से गाय को नहीं बचाया जा सकता क्योंकि करोड़ों की संख्या में गाय बेसहारा हो गई हैं।
सरकार के लिए वोट मांगा, फांसी पर लटकाओ : ओरछा पहुंची उमा भारती ने सरकार के खिलाफ अक्रामक रूख अखित्यार करते हुए कहा कि रामराजा सरकार की नगरी ओरछा से शराब का क्या राजस्व वसूलना। नशा लोगों की आदत है व शराब लोगों की लत है और सरकार इसका उपयोग कर लेती है।

लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है। सरकार का धर्म है कि लोगों की लत को खत्म करे। उन्होंने कहा कि इसमें मूल दोषी कौन है यह बात तो यहां आएगी। इसमें मूल दोषी वह है जो राम का नाम लेते हैं। मैं हूं मूल दोषी मुझे फांसी पर लटकाओ, उमा भारती बोली मैंने सरकार के लिए वोट मांगे थे।
 
शऱाब ठेकेदारों की फ्रिक न करें सरकार-वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब नीति को लेकर शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि शराब की नीति, लोग शराब ना पिए इसके लिए होती है। शराब की नीति बनाने का काम जनप्रतिनिधियों का है क्योंकि यह एक सामाजिक जनहित का विषय है।

इस पर अधिकारी या शराब के ठेकेदार बिल्कुल दखल नहीं दे सकते। महिलाओं की सुरक्षा, मध्य प्रदेश के नौजवानों का भविष्य ध्यान में रखकर नीति भाजपा को एवं सरकार को बनाना चाहिए तथा उसको लागू करने का तरीका अधिकारियों को निकालना चाहिए। 
 
उमा भारती ने आगे कहा कि “हम जनप्रतिनिधि हैं एवं सरकारी अधिकारी जनसेवक हैं। हमें शराब के ठेकेदारों के भविष्य की फिक्र नहीं करनी है बल्कि नौजवानों का भविष्य एवं महिलाओं की सुरक्षा तथा सभी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर नीति हम बनाएं, लागू करने का रास्ता अधिकारी निकालें।  
 
उमा के सवाल पर शिवराज ने साधी चुप्पी : चुनाव साल में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के लगातार सरकार के खिलाफ अक्रामक रूख अखित्यार करने पर को लेकर जब आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मीडिया ने सवाल किया तो मुख्यमंत्री पूरी तरह चुप्पी साध लिया। मीडिया के कई सवालों पर भी मुख्यमंत्री शिवराज  सिंह चौहान कुछ नहीं बोले।