RTE प्रक्रिया प्रारंभ के समय बच्चों की उम्र में संशोधन हो, नहीं तो बच्चे पढ़ाई से रह जाएंगे वंचित
इंदौर। जागरूक उपभोक्ता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश कुमार अमोलिया ने पालकों की चिंताओं को देखते हुए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को ज्ञापन दिया है। इसमें यह मांग की गई है कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार आरटीई (RTE) की प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत आयु सीमा 15 जून तक 3 वर्ष कम्प्लीट होना चाहिए, जैसे नियमानुसार प्रवेश के लिए आयु सीमा कक्षा नर्सरी में 3 से 4 वर्ष कक्षा, केजी वन में 4 से 5 कक्षा केजी 2 में 5 से 6 वर्ष, कक्षा पहली क्लास में 6 से 7 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित है।
लेकिन पिछले वर्ष 2020-21 में यह प्रक्रिया कोविड 19 महामारी होने के कारण प्रारंभ नहीं की गई थी। मुख्य विषय की बात यह है कि इस वर्ष पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों की आयु स्वत: ही बढ़ गई है जिससे वे बच्चे आयु सीमा के कारण शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।
अत: इस प्रक्रिया में कक्षा पहली (1st क्लास) में प्रवेश के संबंध में आयु सीमा अधिकतम 7 वर्ष से बढ़ाकर 8 वर्ष तक की जाए जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित न रह सके तथा कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए यह प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। यह ज्ञापन अमोलिया ने हिमांशु चन्द आईएएस अपर कलेक्टर (विकास) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इंदौर के माध्यम से दिया।