Khargone Violence का साइड इफेक्ट, हिंसाग्रस्त इलाकों से पलायन को मजबूर हुए लोग
-प्रवीण मिश्रा
रामनवमी के दिन भड़की हिंसा के बाद खरगोन में लोग कर्फ्यू और खौफ के साये में जी रहे हैं। हिंसा के दौरान कई लोगों के मकान जला दिए गए। कई परिवार बिखर गए यहां तक कि लोग घर बेचकर पलायन करने तक को मजबूर हो गए। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हिंसाग्रस्त इलाकों को छोड़कर खरगोन में ही परिवार के साथ अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं।
स्थानीय निवासी मनीष ने बताया कि संजय नगर में लोगों का घर आगजनी में जलकर खाक हो गया। यही स्थिति तालाब चौक की भी है, यहां भी लोग आगजनी और हिंसा की घटना सहमे हुए हैं। कई लोग मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने अपने घरों की दीवारों पर 'मकान बिकाऊ' है, लिख दिया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि दंगाइयों ने खाने-पीने का सामान तक लूट लिया। घरों में आग लगा दी जिसकी वजह से लोगों के किचन में रखा सब सामान जलकर राख हो गया।
गृहस्थी पर असर : संजय नगर में आगजनी व हिंसा का असर लोगों के रिश्तों पर भी पड़ा है। दो युवकों की सगाई टूटने की कगार पर है, जबकि एक युवती की शादी टल गई। लड़की वालों का कहना है कि संजय नगर छोड़ने पर ही वे अपनी बेटी की शादी करेंगे।
प्रभारी एसपी ने संभाला मोर्चा : कर्फ्यू में दी गई छूट के दौरान इस बार महिलाओं के साथ ही पुरुषों को भी बाहर जाने की छूट मिली। इस दौरान प्रभारी एसपी रोहित कासवानी सड़क पर उतरे गए और लाउडस्पीकर के माध्यम से आमजनों को बेवजह भीड़ नही जुटाने की समझाइश देते रहे।