भगवान चित्रगुप्त पर विवादित टिप्पणी को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफी
भोपाल। कायस्थ समाज को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने अपने बयान पर माफी मांग ली है। मंगलवार को कुबेश्वर धाम में मीडिया से बातचीत करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा चाहता हूं। किसी के हृदय को ठेस पहुंचाना श्री महापुराण कभी नहीं कहता है। श्री महापुराण हमेशा जगत कल्याण का कार्य करती है और बात करती है। फिर भी अगर मेरी वाणी से या श्री महापुराण के किसी शब्द से किसी भी समाज को किसी व्यक्ति को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।
दरअसल कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पिछले दिनों महाराष्ट्र में जब कथा कर रहे थे तब उन्होंने कायस्थ समाज के आरध्य देव भगवान चित्रगुप्त को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। कथा के दौरान उन्होंने कहा था कि फालतू की बात करना मति रे यमराज, तू मुझे पहचानता नहीं है। 7 दिन से पुराण की कथा सुनी है, मेरा सबूत लेना हो तो संत ज्ञानेश्वर मावली जी से लेले। तेरे साथ तो नहीं जाऊंगा, यमराज को घबरा कर भागा, यमराज ने कहा किस को भेजूं, फिर अगला संदेश चित्रगुप्त को भेजा, जाओ।
उनकी यमराज और भगवान चित्रगुप्त के संदर्भ में की गई कथित अभद्र टिप्पणी से कायस्थ समाज आक्रोशित है और और इसे धार्मिक भावनाओं का गहरा अपमान बताया है। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में कायस्थ समाज के लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था और पंडित प्रदीप मिश्रा से माफी मांग की थी।