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Last Modified: रविवार, 29 जनवरी 2023 (22:44 IST)

दुर्घटनाग्रस्त मिराज 2000 का ब्लैक बॉक्स मिला, दूसरे विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का आधा हिस्सा मिला

दुर्घटनाग्रस्त मिराज 2000 का ब्लैक बॉक्स मिला, दूसरे विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का आधा हिस्सा मिला - mp aircraft crash black box of mirage 2000 recovered
मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमानों (एक सुखोई-30 एमकेआई और एक मिराज-2000) में से एक विमान का पूरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) मिला है, जबकि दूसरे विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का आधा हिस्सा ही मिला है। भारतीय वायुसेना की टीमों ने पहाड़गढ़ के जंगली क्षेत्र का अध्ययन और निरीक्षण किया, जहां शनिवार को ये दो लड़ाकू विमानों  का मलबा गिरा था।
 
मालूम हो कि मुरैना जिले में शनिवार को भारतीय वायुसेना के ये दो लड़ाकू विमान एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान 
 
दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे जिसमें मिराज विमान के पायलट विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी की मौत हो गई, जबकि सुखोई विमान 
 
के दो पायलट विमान से सुरक्षित बाहर निकल गए थे और उन्हें घायल अवस्था में एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया था।
 
मुरैना जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने फोन पर ‘पीटीआई को बताया कि मिराज का ब्लैक बॉक्स मुरैना जिले के 
 
पहाड़गढ़ इलाके में मिला है। सुखोई विमान के ब्लैक बॉक्स का आधा हिस्सा भी पहाड़गढ़ इलाके में मिला है। हो सकता है कि 
 
इसके ब्लैक बॉक्स का शेष हिस्सा पहाड़गढ से सटे राजस्थान के भरतपुर में गिरा होगा।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, पुलिस और अन्य लोग सुखोई के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के शेष हिस्से की तलाश कर रहे हैं।
 
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर एक छोटी मशीन है जो उड़ान के दौरान एक विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है और इसका उपयोग 
 
दुर्घटना के कारण/कारणों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
 
पहाड़गढ़ इलाके के पुलिस निरीक्षक धर्मेंद्र गौर ने कहा कि जिस जंगली इलाके में इन दोनों विमानों का मलबा गिरा, उसकी 
 
घेराबंदी कर दी गई है।
 
उन्होंने कहा कि यहां तक कि पुलिस को भी घेराबंदी क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वायुसेना के अधिकारी वहां मौजूद हैं। मीडिया कर्मियों को भी क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है।
 
गौर से जब पूछा गया कि क्या मृतक पायलट की पत्नी पहाड़गढ़ आकर मलबे वाली जगह का दौरा कर सकती हैं तो उन्होंने कहा 
 
कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। 
 
उन्होंने कहा कि वायुसेना इस मामले को देख रही है और जहां इन विमानों का मलबा गिरा है, उस इलाके की घेराबंदी की गई है एवं वायुसेना ने इस इलाके को अपने कब्जे में लिया है।
 
रक्षा विशेषज्ञों ने कहा था कि यह संभव है कि रूस में डिजाइन किये गये सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी 
 
मिराज-2000 के बीच आसमान में टक्कर हुई हो, लेकिन भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई। अधिकारियों के अनुसार, हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए। भाषा
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