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Last Modified: सोमवार, 17 अगस्त 2020 (21:34 IST)

उज्जैन में महाकालेश्वर की धूमधाम से निकली शाही सवारी

Mahakal temple Ujjain
उज्जैन। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर की शाही सवारी आज धूमधाम से निकाली गई। पालकी में विराजित मनमहेश जैसे ही महाकाल मन्दिर परिसर से बाहर आए, कड़ाबीन और धमाकों से लोगों को राजाधिराज के आने की सूचना दी गई। समूचा परिवर्तित सवारी मार्ग ध्वज, वंदनवार एवं गुब्बारों एवं फूलों से सजाया गया था।

सवारी के लिए मार्ग में लाल कालीन बिछायी गई। सवारी के आगे नगर के राजा के सम्मान में घुड़सवार दल चल रहा था। पीछे पुलिस बैंड ‘ओम नम: शिवाय’ की धुन बजाते हुए निकला। इसके पूर्व महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में भगवान श्री मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन पुजारी घनश्याम शर्मा द्वारा किया गया एवं उन्हें पालकी में विराजित किया गया। सभा मण्डप में संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा ने सपत्नीक भगवान मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया एवं आरती उतारी।

भगवान महाकालेश्वर की सवारी में पुलिस बैंड के बाद महाकाल का चांदी का ध्वज निकाला गया। इसके बाद सवारी निकली। सवारी के पीछे पांच मुखौटे एक रथ पर एवं हाथी पर चंद्रमौलेश्वर सवार होकर निकले। सम्पूर्ण सवारी मार्ग में संभागायुक्त शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह सहित अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी एवं पुजारी चल रहे थे। पूर्व सवारियों की तरह दो नगाड़े भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे।

परिवर्तित मार्ग अनुसार भगवान महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मन्दिर से बड़ा गणेश मन्दिर होते हुए हरसिद्धि मन्दिर चौराहा पहुंची। यहां से झालरिया मठ और बालमुकुंद आश्रम होते हुए सवारी रामघाट पर पहुंची। जहां राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, उच्च शिक्षामंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री कमल पटेल, सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की गई।

पूजन-अर्चन पं. आशीष गुरु द्वारा सम्पन्न करवाया गया। इस दौरान अन्य पुजारी भी मौजूद थे। परम्परा अनुसार दत्त अखाड़े की तरफ से शिप्रा नदी के दूसरे तट से भी भगवान महाकालेश्वर की आरती की गई। रामघाट से पूजा-अर्चना के पश्चात भगवान महाकालेश्वर की पालकी को होमगार्ड के सशस्त्र बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई।

इस अवसर पर रामघाट पर रंगबिरंगी आतिशबाजी आकर्षण का केन्द्र रही। इस दौरान रामघाट पर पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती भी मौजूद रहीं। इसके पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल होते हुए हरसिद्धि मन्दिर मार्ग, बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से होती हुई महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची।(वार्ता)
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