बड़ा फैसला, राजनीति से प्रेरित मामलों को वापस लेगी मप्र सरकार
भोपाल। वक्त है बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस सरकार में अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिन भी बदलने लगे हैं। पंद्रह साल विपक्ष में रहने वाली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार को घेरने के लिए खूब आंदोलन और धरना प्रदर्शन किए। इस दौरान पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर पांच हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए।
अब जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में काबिज हो गई है तब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत देते हुए बीजेपी सरकार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज केस वापस लेने के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है।
केस वापस लेने की इस पूरी प्रकिया के जिला स्तर पर तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी और पूरी प्रकिया की निगरानी गृह मंत्रालय करेगा। जिला स्तर पर कलेक्टर, एसपी और लोक अभियोजन अधिकारी की सदस्यता वाली एक समिति बनाई जाएगी जो अपनी अनुशंसा भोपाल भेजेगा, जिस पर डीजीपी, गृह सचिव और सरकारी वकील वाली सीमित विचार कर अपनी रिपोर्ट विधि विभाग को भेजेगा और विधि विभाग इस पर अंतिम निर्णय लेते हुए कोर्ट में चल रहे राजनीतिक मामलों को वापस लेने की सिफारिश करेगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, सरकार किसान आंदोलन और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध के दौरान हुए भी राजनीतिक केस वापस लेगी।
वहीं सरकार के इस फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कमलनाथ सरकार के कई मंत्रियों को भी राहत मिलेगी। जनसंपर्क मंत्री शर्मा और कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया से बात करते समय खुद कहा कि बीजेपी सरकार के समय राजनीतिक दुर्भावना के चलते उन लोगों पर भी कई केस लगाए गए।