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Last Updated : रविवार, 22 सितम्बर 2019 (14:41 IST)

हनीट्रैप के जाल में फंसे हो सकते हैं बड़े नेता और अफसर, पुलिस अधिकारी का खुलासा

हनीट्रैप के जाल में फंसे हो सकते हैं बड़े नेता और अफसर, पुलिस अधिकारी का खुलासा - Honeytrap trap in indore
इंदौर। मध्यप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़े 'हनीट्रैप' (मोहपाश) गिरोह के जाल में राजनेताओं और आला सरकारी अधिकारियों समेत कई प्रभावशाली लोगों के फंसने का संदेह है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह की 5 महिलाओं समेत 6 लोगों को इंदौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है।
मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर बताया कि आरोपियों से बरामद ऑडियो-विजुअल सामग्री और उनसे पूछताछ के आधार पर हमें संदेह है कि गिरोह पिछले 1 दशक में कई लोगों को मोहपाश में फंसा चुका है।
पुलिस अधिकारी ने विशिष्ट जानकारी दिए बगैर तसदीक की कि गिरोह के 'शिकार' लोगों में राजनेता और आला सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग भोपाल से ताल्लुक रखते हैं।
 
उन्होंने आरोपों के हवाले से बताया कि गिरोह खासकर सत्ता प्रतिष्ठानों में बैठे लोगों और नौकरशाहों को महिलाओं के जरिए जाल में फांसता था। फिर खुफिया कैमरों से उनके अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते उनसे धन उगाही करता था।
अधिकारी ने बताया कि गिरोह के खिलाफ इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि क्या उसने निजी पलों के वीडियो के जरिए रसूखदारों को धमकाकर कुछ गैरसरकारी संगठनों को शासकीय ठेके दिलाए हैं।
 
गौरतलब है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर जांच के बाद गुरुवार को 'हनीट्रैप' गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। पुलिस ने गिरोह के 6 गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 14 लाख रुपए नकद, महंगी गाड़ी, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि सामान बरामद किया है।
खंगाला जाएगा डिलीट डेटा : इस बीच एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बरामद उपकरणों को जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। इन उपकरणों से डिलीट कर दिए गए डेटा को तकनीक के जानकारों की मदद से दोबारा हासिल करने की कोशिश भी की जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि लोगों को मोहपाश में फांसने के लिये इस्तेमाल होटलों के अलावा आरोपियों की पृष्ठभूमि, उनके संपर्कों और बैंक खातों के बारे में विस्तृत जांच की जा रही है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस को संदेह है कि गिरोह में कुछ और महिलाएं शामिल हैं। (नगर निगम अफसर के अलावा) अन्य लोग भी गिरोह के कारण पीड़ित हो सकते हैं।
 
गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी तथा उनका ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी शामिल है। (भाषा)