मध्यप्रदेश के नए DGP के नाम पर फैसला जल्द, अजय कुमार शर्मा समेत 9 IPS अफसर रेस में
भोपाल। प्रदेश के वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के 30 नवंबर के रिटायर होने के बाद प्रदेश का नया डीजीपी कौन होगा इसको लेकर अब अटकलें तेज हो गई है। वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना मार्च 2022 से इस पद है और उनकी नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग के पैनल से हुई थी और करीब ढ़ाई साल तक प्रदेश के डीजीपी पद रहकर अपना कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा करेंगे।
इन नामों में से किसी एक पर लगेगी मुहर?- प्रदेश के नए डीजीपी को लेकर प्रदेश सरकार ने केंद्र में डीओपीटी को 9 नामों का पैनल भेज दिया है जिसमें डीजी ईओडब्ल्यू अजय कुमार शर्मा, डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र मकवाना, डीजी जेल जीपी सिंह, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन, स्पेशल डीजी वरुण कपूर, स्पेशल डीजी आलोक रंजन, डीजी महिल सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, एडीजी योगेश मुद्ग़ल के नाम शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों ने अपनी 30 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है।
केंद्र सरकार ने इनमें से तीन नामों का पैनल बनाकर प्रदेश सरकार को देगी जिसमें से नए डीजीपी का चुनाव किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग के दिशा-निर्देश के मुताबिक ऐसे अधिकारी जिन्हें जांच एजेंसियों में दस वर्ष काम करने का अनुभव हो और सेवानिवृत्त होने में कम से कम छह माह बाकी हों, उनके नाम ही डीजीपी पैनल में भेज जाएंगे। विशेष पुलिस महानिदेशक स्तर के ऐसे अधिकारी जिन्होंने कम से कम दस वर्ष सीआईडी, महिलाओं के विरुद्ध अपराध प्रकोष्ठ, आर्थिक अपराध शाखा, साइबर अपराध प्रकोष्ठ, राजकीय रेलवे पुलिस, आईबी, आतंकवाद विरोधी इकाई, अनुसंधान विश्लेषण विंग/ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में काम करने का अनुभव हो।
नए डीजीपी के सामने होगी चुनौती?- मध्यप्रदेश के नए डीजीपी के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी। महिलाओं और मासूमों के खिलाफ लगातार हो रहे अपराध प्रदेश की कानून व्यवस्था के सामने कड़ी चुनौती है। महिलाओं के साथ रेप के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। वहीं NCRB के आकंड़ों के मुताबिक बच्चों के साथ होने वाले अपराध में भी मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं इंदौर से लेकर ग्वालियर चंबल तक के कई जिलों में नशे का अवैध कारोबार भी पुलिस के सामने लगातार चुनौती बने हुए है।