करवा चौथ मना रहे समलैंगिक जोड़े के विज्ञापन पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर बॉयकाट डाबर की मुहिम को अब मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं ने भी अपना समर्थन दे दिया है। मध्यप्रदेश में भाजपा संवाद प्रमुख लोकेंद्र पराशर ने ट्वीट कर डॉबर इंडिया के सभी प्रोडेक्ट के बहिष्कार करने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा की जिन्हें हमारी संस्कृति का सम्मान नहीं, हमारे घर में उनका सामान नहीं। आज और अभी से घर में डाबर का सामान बंद।
मध्यप्रदेश, डॉबर इंडिया, बॉयकॉट, विवादित विज्ञापन, नरोत्तम मिश्रा, डीजीपी को जांच के आदेश वहीं डाबर इंडिया के विवादित विज्ञापन पर आपत्ति जताते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि डाबर इंडिया ने करवाचौथ की थीम पर समलैंगिक दो महिलाओं को दर्शाकर विज्ञापन जारी कर हिंदू धर्म की संस्कृति को अपमानित और आहत किया गया है जो कि आपत्तिजनक है और उन्होंने इस मामले में डीजीपी को परीक्षण कर वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए है।जिन्हें हमारी संस्कृति का सम्मान नहीं !
हमारे घर में उनका सामान नहीं !!
आज और अभी से घर में #डाबर का सामान बंद #DaburAd— लोकेन्द्र पाराशर Lokendra parashar (@LokendraParasar) October 25, 2021
करवा चौथ से जुड़े विज्ञापन पर हंगामा मचने के बाद डाबर ने माफी मांगते हुए विज्ञापन को वापस ले लिया है। कंपनी ने 25 अक्टूबर को बयान जारी कर विज्ञापन वापस लेने की जानकारी दी है। कंपनी ने लिखा कि “हम समझ सकते हैं कि हमारी चीजों से हर कोई सहमत नहीं हो सकता है,लेकिन अलग विचार रखने के उनके अधिकरी का सम्मान करते हैं, हमारी नीयत किसी भी धर्म, परंपरा आदि को आहत करने की नहीं हैं. अगर इसने किसी व्यक्ति या समूह को आहत किया है तो हम बिना किसी शर्त के माफी मांगते हैं. इस कैंपेन को समर्थन देने वाले लोगों के भी हम आभारी हैं”।डाबर कंपनी का लेस्बियन वाला विज्ञापन आपत्तिजनक है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) October 25, 2021
मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने डीजीपी को यथोचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। pic.twitter.com/izd3M8MlLW
क्या है पूरा मामला- दरअसल डाबर इंडिया के फेयरनेस प्रोडक्ट से जुड़े विज्ञापन में 2 लड़कियों के समलैंगिक जोड़े को करवा चौथ करते दिखाया गया था। इस विज्ञापन के बाद कंपनी पर हिंदुओं के त्योहारों को जानबूझकर निशाना बनाने के आरोप लगाया गया था। सोशल मीडिया पर डाबर का बायकॉट तक करने की मांग उठने लगी थी।