ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शे कदम पर मिलिंद देवड़ा, बड़ा सवाल क्या लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आगाज कर पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश में है, तो दूसरी ओर राहुल गांधी के करीबी नेता के तौर पर पहचान रखने वाले महाराष्ट्र के दिग्गज नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी छोड़ने का एलान कर कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया।
कांग्रेस छोड़ने का एलान करते हुए मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि "आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ है। मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। मैं सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का वर्षों से अटूट समर्थन करने के लिए आभारी हूं।"
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा का कांग्रेस छोड़ना महाराष्ट्र में पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने का कारण लोकसभा चुनाव में उनकी उम्मीदवारी को लेकर संशय होना है। दरअसल मिलिंद देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन INDIA गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) ने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी ठोंक दी है। गौरतलब है कि मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा भी दक्षिम मुंबई लोकसभा सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा का पार्टी छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं मिलिद देवड़ा जिनकी गिनती राहुल गांधी करीबी नेताओं के तौर पर होती थी उनका पार्टी छोड़ना राहुल के लिए भी बड़ा झटका है।
राहुल के करीबियों का कांग्रेस से मोहभंग- 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस छोड़ने वाली नेताओं में ऐसे नेताओं की संख्या ज्यादा है जो कभी राहुल गांधी की कोर टीम में शामिल थे। राहुल गांधी की कोर टीम के नेता एक के बाद एक पार्टी बाहर होते जा रहे है। 2004 में राहुल गांधी ने जब अपनी चुनावी राजनीति का आगाज किया था तब ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, मिलिंद देवड़ा, सचिन पायलट में राहुल गांधी की कोर टीम में शामिल थे। इसके साथ प्रियंका चतुर्वेदी और सुष्मिता देव की भी गिनती भी राहुल के करीब नेताओं के तौर पर होती थी।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा हैं कि राहुल गांधी के करीबी और पार्टी के युवा नेता क्यों पार्टी छोड़ रहे है। अगर देखा जाए तो कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं ने अपनी भविष्य़ की राजनीति को देखते हुए फैसला लिया है। मिलिंद देवड़ा से पहले मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी 2020 के राज्यसभा चुनाव के वक्त वरीयत नहीं मिलने पर कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे और आज केंद्र में मोदी सरकार मे मंत्री है। दरअसल राजनीति में सारी चीजें हार जीत पर निर्भर करती है और चुनाव दर चुनाव में मिलती हार ने कांग्रेस पार्टी के युवा नेताओं का मनोबल तोड़ दिया है। ऐसे में पार्टी के युवा नेता जो राजनीतिक महत्वाकांक्षी रखते है वह समय को देखते हुए पार्टी को अलविदा कर रहे है।
47 साल के मिलिंद देवड़ा के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ने का निर्णय पार्टी के लिए बड़ा झटका है। मिलिंद देवड़ा के परिवार का मुंबई की सियासत में एक बड़ा जनाधार है। अब देखना होगा कि मिलिंद देवड़ा आने वाले लोकसभा चुनाव में उतरते है या सिंधिया की तरह राज्यसभा जाते है।