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Last Modified: बुधवार, 5 जून 2024 (16:29 IST)

RSS की अनदेखी BJP को पड़ गई भारी, नड़्डा के बयान ने कर दिया खेला?

RSS की अनदेखी BJP को पड़ गई भारी, नड़्डा के बयान ने कर दिया खेला? - Ignoring RSS cost BJP dearly did jp Nadda statement play a role?
“पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं”।

लोकसभा चुनाव दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का संघ को लेकर दिया बयान अब चुनाव नतीजों के बाद खूब सुर्खियों में है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा नुकसान उत्तरप्रदेश में उठाना पड़ा। भाजपा उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में मात्र 35 सीटों पर जीत हासिल कर सकी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जहां संघ की काफी गहरी जड़ें है वहां पर उसकी अनदेखी करना भाजपा को भारी पड़ गया।

दरअसल भाजपा के लिए आरएसएस जो जमीन पर काम करता है, उसका फायदा भाजपा को चुनाव में होता है, लेकिन इस बार संघ वैसा एक्टिव नहीं रहा है जैसा वह 2014 और 2019 मे था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आपसी समन्वय पर इस बार कई सवाल उठे।

चुनाव के दौरान अपने एक इंटरव्यू में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं। इंटरव्यू के दौरान जब भाजपा अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है।

अब लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब भाजपा और संघ इसकी समीक्षा करेगा तो हार के असली कारण सामने आएंगे। चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में संघ की भूमिका को लेकर काफी चर्चा रही। ऐसे में  सवाल उठता है कि मोदी जो संघ के एजेंडे को पूरा कर रहे थे उनसे संघ क्यों नाराज हो गया या दूसरे शब्दों में कहे कि आखिर वह कौन से ऐसे कारण है कि संघ और भाजपा में दूरी आ गई है।

उत्त्तरप्रदेश की सियासत को कई दशक से करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और संघ में कदमताल दिखाई दे रहा था लेकिन चुनाव के दौरान जैसे नरेंद्र मोदी के चेहरे की महिमा मंडन किया गया और मोदी की गारंटी जैसे नारे गढ़ गए उससे संघ नाराज हो गया। वह प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहते है कि उस इंटरव्यू में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को प्रोजेक्ट किया वह संघ को नागवार गुजरा और इसका सीधा अर्थ यह लगाया गया कि मोदी का कद संघ के काफी उपर है।

वहीं चुनाव के दौरान जिस तरह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ को लेकर बयान दिया उससे भाजपा और संघ के बीच की तल्खी को जगजाहिर कर दिया। यहीं कारण है कि पूर्वांचल में जिसे मोदी और योगी का गढ़ कहा जा रहा था वहां पर भाजपा की बड़ी हार हुई।
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