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Last Modified: बुधवार, 1 मई 2024 (17:38 IST)

लालच या डर? इंदौर में मैदान छोड़ने के बाद क्या बोले अक्षय बम

कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले बम ने दिए गोलमोल जवाब

लालच या डर? इंदौर में मैदान छोड़ने के बाद क्या बोले अक्षय बम - Greed or fear, What did Akshay Bam say after leaving election field in Indore
Indore Lok Sabha seat: मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर कांग्रेस को चुनावी दौड़ से बाहर करने वाले कारोबारी अक्षय कांति बम ने इस आरोप को खारिज किया है कि वह किसी ‘सौदे’ के तहत पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए हैं। इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में बातचीत के दौरान बम ने कहा कि आज की तारीख में मेरे पास क्या है और क्या नहीं है, वह सब पहले से जाहिर है। जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता है, उसे कोई व्यक्ति किसी सौदे में क्या देगा।
 
‍कितनी संपत्ति है बम के पास : उन्होंने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप पर प्रतिक्रिया जताते हुए यह बात कही कि वह किसी ‘सौदे’ के तहत भाजपा में गए हैं। इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने के दौरान पेश हलफनामे में बम ने कुल 55.28 करोड़ रुपए की अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी कलाई घड़ी की कीमत 14.05 लाख रुपए बताई थी। ALSO READ: इंदौर लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम के मैदान छोड़ने पर क्या कहते हैं इंदौरी
 
चुनावी हार का नहीं था डर : बम ने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप को भी नकारा कि उन्होंने चुनावी हार के डर से भाजपा का दामन थामा है। उन्होंने कहा कि वह पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इंदौर के क्षेत्र क्रमांक-4 से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, जिसे इस पार्टी के लिए सूबे की सबसे मुश्किल सीट में गिना जाता है। बम ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ऐसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ना चाहता था, तो यह कहना बेमानी है कि उसके मन में (चुनावी हार का) कोई डर है। ALSO READ: चाणक्य नीति अपनाकर कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम की नाम वापसी की लिखी पटकथा
 
17 साल पुराने मामले में बढ़ी मुश्किल : इंदौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने पीड़ित पक्ष की अर्जी पर बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को संज्ञान लिया था। जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को एक सत्र अदालत के समक्ष 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था।
 
इस आदेश के महज 5 दिन बाद बम ने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका वकील संबंधित मामले में धारा 307 जोड़े जाने को लेकर सत्र न्यायालय के सामने तय तारीख को उनका पक्ष रखेगा। बम ने भाजपा कार्यालय में मंगलवार (30 अप्रैल) को पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सूबे के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ हिस्सा लिया। पालाबदल के बाद वह विजयवर्गीय के साथ भाजपा के अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। ALSO READ: कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम हैं 57 करोड़ की संपत्ति के मालिक, पहनते हैं 14 लाख की घड़ी
 
बम ने कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई, जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 
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