गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. लोकसभा चुनाव समाचार
  4. Assembly elections in Jammu and Kashmir after Lok Sabha, Abdullah said something is wrong

लोकसभा के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव, अब्दुल्ला ने कहा- कुछ तो गड़बड़ है

Farooq abdullah
Lok Sabha Chunav 2024 Schedule: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने शनिवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सुरक्षा चिंताओं के कारण लोकसभा चुनाव के बाद कराए जाएंगे, क्योंकि दोनों चुनाव एक साथ कराना अव्यावहारिक प्रतीत होता है।
 
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों की घोषणा की। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच 7 चरणों में होंगे और मतगणना 4 जून को होगी। जम्मू-कश्मीर में 5 चरणों में मतदान होगा। कई राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव के साथ केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा के लिए चुनाव नहीं कराए जाने पर निराशा जताई है।
कुमार ने राजनीतिक दलों और प्रशासन के साथ परामर्श करने के लिए हाल में केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि लेकिन हम प्रतिबद्ध हैं कि जैसे ही ये (लोकसभा) चुनाव समाप्त होंगे और हमारे पास (पर्याप्त सुरक्षा) बल होंगे, हम वहां (जम्मू-कश्मीर में) जल्द से जल्द चुनाव कराएंगे।
 
एक साथ चुनाव व्यावहारिक नहीं : उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रव्यापी चुनावों के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में प्रत्येक उम्मीदवार को सुरक्षा प्रदान करने की चुनौती के कारण दोनों चुनाव एक साथ कराना व्यावहारिक नहीं है। सीईसी ने कहा कि पूरे प्रशासनिक तंत्र ने एक सुर में कहा कि ये चुनाव एक साथ नहीं कराए जा सकते। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10-12 उम्मीदवार होंगे, जिसका मतलब 1000 से अधिक उम्मीदवार होंगे। हर प्रत्याशी को सुरक्षा मुहैया करानी होगी। इस समय यह संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के दौरान, एक साथ चुनाव की आवश्यकता पर जोर दिया गया और 2014 के बाद से क्षेत्र में विधानसभा चुनाव नहीं होने पर प्रकाश डाला गया।
 
कुमार ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया के बाद दिसंबर 2023 में जम्मू -कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया था और निर्वाचन आयोग के लिए घड़ी की टिक-टिक तब से शुरू हुई।
 
107 से 114 हुईं सीटें : सीईसी ने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम 2019 में पारित किया गया था। इसमें 107 सीट का प्रावधान था, जिनमें से 24 सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में थीं। शेष 83 में से 7 एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित थी जबकि एसटी (अनुसूचित जनजाति) के लिए कोई आरक्षण नहीं था।
 
उन्होंने कहा कि फिर परिसीमन आयोग आया, सीट की संख्या बदल गई। ये बढ़कर 114 हो गईं और 24 पीओके में रहीं, नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित की गईं, जो एक नई बात थी और 2 प्रवासियों के लिए आरक्षित की गईं। पीओके से विस्थापित हुए लोगों के लिए एक सीट रखी गई।
कुछ तो गड़बड़ है : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में देरी को लेकर चिंता जताई है। अब्दुल्ला ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने में ‘कुछ गड़बड़’ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर जोर दे रहा है और यह इसके लिए एक अवसर था। जबकि, भाजपा ने निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया है।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 राज्यों में संसदीय और विधानसभा दोनों के चुनाव होने जा रहे हैं। आप जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार चुनने के अधिकार से क्यों वंचित कर रहे हैं? भाजपा दिमाग में कुछ ऐसा चल रहा होगा जो वे संसदीय चुनाव के साथ होने पर विधानसभा चुनाव में नहीं कर सकते। मुझे पूरा विश्वास है कि वे यहां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के लिए नेकां उम्मीदवारों की सूची के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि इसकी घोषणा एक सप्ताह के भीतर की जाएगी। (भाषा/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala