सोमवार, 23 दिसंबर 2024
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Written By भारती पंडित

सूर्य-शनि युति : जीवन को संघर्षमय बनाती है

आध्यात्मिक साधना से मनोबल मजबूत करें

सूर्य-शनि युति : जीवन को संघर्षमय बनाती है - Surya and shani ki yuti
सूर्य और शनि पिता-पुत्र होने पर भी परस्पर शत्रुता रखते हैं। वैसे भी प्रकृति का विचार करें तो ज्ञान और अंधकार साथ मिलने पर शुभ प्रभाव अनुभूत नहीं होते। सूर्य-शनि युति प्रतियुति जीवन को पूर्णत: संघर्षमय बनाते हैं।
 
विशेषत: जब यह युति लग्न, पंचम, नवम या दशम में हो व दोनों (सूर्य-शनि) में से कोई ग्रह इन भावों का कारक भी हो तो यह योग जीवन में विलंब लाता है। बेहद मेहनत के बाद, समय बीत जाने पर सफलता आती है। पिता-पुत्र में मतभेद हमेशा बना रहता है और दूर रहने के भी योग बनते हैं।
 
सतत संघर्ष से ये व्यक्ति निराश हो जाते हैं, डिप्रेशन में भी जा सकते हैं। यदि शनि उच्च का हो व कारक हो तो 36वें वर्ष के बाद, अपनी दशा-महादशा में सफलता जरूर देता है।
 
यह युति होने पर व्यक्ति को सतत परिश्रम के लिए तैयार रहना चाहिए, पिता से मतभेद टालें, ज्ञानार्जन करें, आध्यात्मिक साधना से अपना मनोबल मजबूत करना चाहिए। सूर्य व शनि शांति के अन्य उपाय करते रहें।