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Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 27 अक्टूबर 2022 (19:05 IST)

लक्ष्मी-गणेश सुझाव से केजरीवाल की गुजरात चुनावों पर नजर

लक्ष्मी-गणेश सुझाव से केजरीवाल की गुजरात चुनावों पर नजर - Arvind Kejriwal eyeing Gujarat elections
-चारु कार्तिकेय
 
करेंसी नोट पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर लगाने के अरविंद केजरीवाल के सुझाव को हिन्दू वोटरों को रिझाने की तिकड़म माना जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी भी हिन्दू वोट हासिल करने की होड़ में शामिल हो गई है। उनका कहना था कि ऐसा करने से 'पूरे देश को उनका (लक्ष्मी-गणेश का) आशीर्वाद मिलेगा'।
 
दिवाली के ठीक बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्र सरकार से अपील की थी कि भारतीय रुपए पर एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर रखते हुए दूसरी तरफ गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर छपवाई जानी चाहिए। केजरीवाल का कहना था कि ऐसा करने से 'पूरे देश को उनका (लक्ष्मी-गणेश का) आशीर्वाद मिलेगा', क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में 'देवी-देवताओं के आशीर्वाद की जरूरत है'।
 
उनका यह बयान दूसरी राजनीतिक पार्टियों के लिए एक गुगली साबित हुआ है। जहां कांग्रेस के एक नेता ने इसे आम आदमी पार्टी का 'प्रतिस्पर्धात्मक हिन्दुत्व' बताया है, वहीं बीजेपी ने इसे केजरीवाल की पार्टी का अपना 'हिन्दू-विरोधी' चेहरा छुपाने की एक कोशिश बताया है।
 
पहले कृष्ण, फिर लक्ष्मी-गणेश
 
बयान की इतनी तीखी प्रतिक्रिया इसलिए भी हो रही है, क्योंकि यह ऐसे समय में दिया गया है, जब हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। दोनों राज्यों में बीजेपी सत्ता में है और आम आदमी पार्टी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।
 
केजरीवाल ने पिछले कुछ हफ्तों में अपने हिन्दुत्व अभियान के तहत और भी बयान दिए हैं। सितंबर में कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव पर नई दिल्ली में अपनी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन के दौरान उन्होंने कहा था, 'जैसे कान्हा ने राक्षस का वध किया, वैसे ही भगवान ने 'आप' को बनाया है।'
 
अक्टूबर में उन्होंने गुजरात में एक भाषण के दौरान इस बात को दोहराया और कहा, 'मेरा जन्म कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ था। भगवान ने मुझे इन कंस की औलादों का नाश करने के लिए भेजा है।' इतना ही नहीं, अक्टूबर में ही जब दिल्ली सरकार में उनके मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम की दलितों के बौद्ध धर्म अपनाने के एक कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर विवाद हुआ और केजरीवाल को 'हिन्दू विरोधी' कहा जाने लगा तो उसके बाद गौतम को अपने मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा।
 
दिल्ली में केजरीवाल की सरकार अक्सर सार्वजनिक स्तर पर पूजा-पाठ और तीर्थस्थलों की नि:शुल्क यात्रा का भी आयोजन करती है। पार्टी की राजनीति में धर्म को इतनी प्रमुखता से लाने की केजरीवाल की कोशिशों की आलोचना भी हो रही है।
 
धर्म की राजनीति
 
कभी आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं अभिनेत्री गुल पनाग ने ट्वीट किया, 'धर्म को हर चीज में लाने का खेल अब सब खेलेंगे। जो असहमत हों वो संविधान का हवाला देने की असफल कोशिश करते रहें।'
 
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने 'आप' पर व्यंग्य करते हुए ट्वीट किया, 'आम आदमी पार्टी अपने झंडे पर 33 कोटि देवी-देवताओं की तस्वीरें अंकित कराए। आप का झंडा तुरंत भाजपा के झंडे से ऊपर हो जाएगा।'
 
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कार्टूनिस्ट आलोक का एक कार्टून ट्वीट किया जिसमें एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दीवार पर भगवा रंग चढ़ाते नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ केजरीवाल उस रंग की बाल्टी उठाकर खुद उसमें नहाते हुए नजर आ रहे हैं।
 
दिलचस्प यह है कि कुछ दिनों पहले तक 'आप' का दावा था कि उसने बीजेपी को गुजरात में शिक्षा और स्वास्थ्य को चुनावी मुद्दा बनाने परे मजबूर कर दिया था, लेकिन अब केजरीवाल पर ही बीजेपी के साथ 'प्रतिस्पर्धात्मक हिन्दुत्व' का नमूना पेश करने का आरोप लग रहा है।
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