ब्रैंडन मक्कलम को जब इंग्लैंड टेस्ट टीम का कोच नियुक्त किया गया था तो क्रिकेट विशेषज्ञों ने यह सवाल किया था कि ब्रैंडन मक्कलम जिनके नाम वनडे और टी-20 में आक्रामक पारियों का ढेर है क्या टेस्ट में वह सफल हो पाएंगे।
हालांकि ब्रैंडन मक्कलम के खाते में टेस्ट क्रिकेट का सबसे तेज शतक मौजूद है लेकिन यह प्रारूप धैर्य मांगता है जो मक्कलम में नहीं दिखता लेकिन कोच ने अपनी टीम को टेस्ट भी आक्रामकता से खेलना सिखा दिया।
मक्कलम के कोच बनने का ही नतीजा है कि जो टीम पिछले साल लॉर्ड्स के मैदान पर 200 से ज्यादा का लक्ष्य पार नहीं कर पा रही थी और ऑलआउट हो कर हार गई थी कल 378 रनों का पीछा ऐसे कर गई कि बहुत छोटा स्कोर हो।
मक्कलम ने साल 2014 की बैज बॉल रणनीति अपनाईसाल 2014 में भारत न्यूजीलैंड के दौरे पर था। इस दौरान दोनों टेस्ट में मक्कलम ने बैज बॉल की रणनीति अपनाई थी।
पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड 30 रनों पर 3 विकेट खो चुका था। फिर क्रीज पर उतरे ब्रैंडन मक्कलम, उन्होंने दबकर ना खेलते हुए खुलकर खेलना शुरु किया। बस यह ही है बैजबॉल की रणनीति, जब कभी भी विकेट जा सकता है तो तब तक रन बना डालो।
उन्होंने लगभग 75 की स्ट्राइक रेट से 224 रन बनाए और जिसमें 29 चौके और 5 छक्के थे और मैच का पासा पलट दिया। यह मैच न्यूजीलैंड 40 रनों से जीता।
इसके बाद मक्कलम नामक कांटा दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया को चुभा। पहली पारी में न्यूजीलैंड को 192 रनों पर समेट कर सीरीज बराबर करने की उम्मीद में टीम इंडिया ने पहली पारी में अजिंक्य रहाणे के शतक से 483 रन बना लिए थे।
लेकिन मक्कलम ने फिर आतिशी पारी खेली। उन्होंने इस बार 302 रन बनाए और इस तिहरे शतक में 4 चौके और 32 छक्के भी शामिल थे। न्यूजीलैंड टीम ने 680 रन बनाकर पारी घोषित कर सीरीज पर कब्जा जमा लिया।
पांचवे टेस्ट के पहली पारी में 106 रन बनाने वाले बेयरस्टॉ ने एक और यादगार पारी खेलकर कोच ब्रेंडन मैकुलम के आक्रामकता के फलसफे को नये मायने दिये।
इंग्लैंड का यह रवैया पहली पारी से ज्यादा दूसरी पारी में दिखा। 378 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम ने लगने ही नहीं दिया कि लक्ष्य इतना बड़ा है।
सलामी बल्लेबाज एलेक्स लीस और जैक क्राउली ने इंग्लैंड को 100 के पार पहुंचा दिया जिससे मेजबान को लक्ष्य तक पहुंचने का एक आधार मिल गया।
कप्तानी छोड़ने के बाद से शानदार बल्लेबाजी कर रहे रूट 142 रन बनाकर नाबाद रहे जो उनका 28वां शतक है । उन्होंने बेयरस्टॉ (नाबाद 114) के साथ 269 रन की अटूट साझेदारी की ।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कुल 50 बाउंड्री लगाई जिसमें 48 चौके और दो छक्के शामिल थे। इंग्लैंड ने इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 . 0 से जीती श्रृंखला में 278, 299, 296 रन के लक्ष्य को हासिल करके जीत दर्ज की थी।
अगर इंग्लैंड द्वारा बड़े लक्ष्यों का पीछा करते हुए 10 मैचों पर नजर डालें तो 3 तो पिछली दो सीरीज में आए हैं। इसका मतलब अब इंग्लैंड क्रिकेट बैज बॉल रणनीति पर ही चलेगी।