भारत की डीआरएस जोड़ी बनी कोहली-साहा
हैदराबाद। भारतीय टीम के पास पिछले कुछ वर्षों में वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की शानदार सलामी जोड़ी, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह और अब रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जड़ेजा की स्पिन जोड़ी रही है, लेकिन जब से निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू की गई तब से उसके पास कप्तान विराट कोहली ओर विकेटटकीपर रिद्धिमान साहा के रूप में ‘डीआरएस जोड़ी’ भी आ गई है जो कि रेफरल लेने पर एक दूसरे पर पूरा भरोसा दिखाते हैं।
कोहली यदि लगातार चौथी श्रृंखला में चौथा दोहरा शतक जमाकर नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहे तो उन्हें इसका कुछ श्रेय साहा को भी देना चाहिए। जब कोहली 180 रन पर खेल रहे थे तब ऑफ स्पिनर मेहदी हसन मिराज की गेंद पर मैदानी अंपायर ने उन्हें पगबाधा आउट दे दिया था।
साहा ने कहा, विराट को लगा कि वह आउट हैं लेकिन मैंने उनसे कहा कि तुमने अपना पांव काफी आगे निकाला था और हो सकता है कि गेंद ऑफ स्टंप से बाहर जा रही हो। गेंद तेजी से स्पिन हुई थी और वह लेग स्टंप छोड़ रही थी। इसलिए उसने रेफरल लिया और उसका विकेट बच गया।
इस विकेटकीपर ने कहा कि दूसरी बार कोहली ने टीम के लिए एक रिव्यू बचाने का फैसला किया जबकि ताईजुल इस्लाम ने अपनी आर्म बॉल पर उन्हें पगबाधा आउट किया। उन्होंने कहा, दूसरी बार मैं विराट को कहना चाहता था लेकिन वे पूरी तरह से आश्वस्त थे कि वे आउट हैं। इसके अलावा यह अंपायर का फैसला था और यदि गेंद थोड़ा भी विकेट को स्पर्श करती तो यह आउट होता।
विराट ने टीम के लिए एक डीआरएस बचाया। इसके बाद जब बांग्लादेश बल्लेबाजी कर रहा था तो भारत ने डीआरएस के दम पर सलामी बल्लेबाज सौम्य सरकार का विकेट हासिल किया। इस बार साहा को पक्का नहीं था कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया है या नहीं, लेकिन कोहली आश्वस्त थे कि गेंद बल्ले को चूमकर विकेटकीपर के पास पहुंची और बाद में रेफरल से वह सही साबित हुए। (भाषा)