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Last Updated : सोमवार, 17 अगस्त 2020 (09:44 IST)

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान की अब यादें ही शेष रह गईं...

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान की अब यादें ही शेष रह गईं... - UP cabinet minister and former cricketer Chetan Chauhan dies
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट (Indian cricket) जगत में अब पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान (Chetan Chauhan) की यादें ही शेष रह गई हैं। 73 वर्षीय चौहान 36 घंटों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद दिल का दौरा पड़ने से अब इस दुनिया में नहीं रहे। क्रिकेटरों से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। टेस्ट क्रिकेट में एक भी शतक नहीं लगाने के बाद भी वे पूरी दुनिया में विख्यात रहे।
 
11 जुलाई को कोरोना की पुष्टि हुई थी : सनद रहे कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे चौहान को 11 जुलाई को लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था लेकिन हालत में सुधार नहीं होने और किडनी संबंधित बीमारियों के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ने से उन्हें गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया। शुक्रवार रात को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। रविवार को दिल का दौरा पड़ने से शाम 5 बजे उनका निधन हो गया।
 
बेटे के मेलबोर्न से पहुंचने के बाद होगा अंतिम संस्कार : चेतन चौहान का बेटा विनायक इस वक्त मेलबोर्न में हैं, जिन्हें मौत की सूचना दी जा चुकी है। चौहान के छोटे भाई पुष्पेंद्र ने बताया कि विनायक के सोमवार शाम तक पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
 
यूपी के दूसरे मंत्री का कोरोना से निधन : चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के दूसरे मंत्री हैं, जिनका कोरोना वायरस से निधन हुआ है। 2 अगस्त को राज्य की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमला रानी वरूण (62) का भी कोविड-19 पॉजिटिव आने के कुछ दिन बाद निधन हो गया था।
12 साल का लंबा क्रिकेट करियर : चौहान ने 12 साल के लंबे क्रिकेट करियर के दौरान 40 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 16 अर्धशतक लगाते हुए 31.57 के औसत से 2086 रन बनाए। उनके नाम दो  विकेट भी थे। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतक नहीं जड़ सके और 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 97 रन का रहा। गावस्कर के साथ उन्होंने 1970 के दशक में भारत के लिए मजबूत सलामी जोड़ी बनाई और इन दोनों ने मिलकर 3000 से ज्यादा रन जोड़े जिसमें 12 शतकीय भागीदारियां शामिल थीं।
 
चौहान का पहला और आखिरी मैच : चौहान ने 25 सितम्बर 1969 को मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था जबकि उनका अंतिम मैच भी मार्च 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ आकलैंड में था।
 
गावस्कर के साथ 213 रन की साझेदारी : चौहान ने 22 साल की उम्र में मुंबई के खिलाफ प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सलामी बल्लेबाज के तौर पर उनके करियर के यादगार क्षण में से एक गावस्कर के साथ 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ द ओवल में 213 रन की साझेदारी है,  जिसमें उन्होंने 80 रन बनाए थे।
2 बार नर्वस नाइंटीज के शिकार : अपने क्रिकेट करियर में चौहान 2 बार नर्वस नाइंटीज का शिकार बने थे। उन्होंने 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 93 रन बनाए थे जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1981 में 97 रन। उन्होंने 7 वनडे में 153 रन बनाए थे और उनका सर्वाधिक स्कोर 46 रन था। चौहान और गावस्कर की जोड़ी ने 1970 के दशक में 10 बार शतकीय साझेदारी निभाई थीं और मिलकर तीन हजार से अधिक रन बनाए थे। वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे।
 
प्रथम श्रेणी करियर : चेतन चौहान ने दिल्ली और महाराष्ट्र की तरफ से प्रथम श्रेणी करियर में 179 मैचों में 40.22 के औसत से 11143 रन बनाए, जिसमें 21 शतक और 59 अर्धशतक शामिल हैं। प्रथम श्रेणी में उनका सर्वाधिक स्कोर 207 रन रहा। ऑफ स्पिन डालने वाले चौहान ने टेस्ट मैचों में दो और प्रथम श्रेणी में 51 विकेट भी हासिल किए।
 
डीडीसीए में कई पदों पर रहे : क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद चौहान दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कई पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और मुख्य चयनकर्ता) पर काबिज रहे। वह 2001 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे। 
 
2 बार सांसद : चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के अमरोहा से 1991 और 1998 में 2 बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में वह अमरोहा की नौगांव सादात सीट से निर्वाचित हुए और योगी सरकार में वह कैबिनेट मंत्री के पद पर थे।