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Last Modified: शनिवार, 21 दिसंबर 2019 (23:07 IST)

World Cup 2003 में सचिन तेंदुलकर ने किया था टिशू पेपर का इस्तेमाल, जानिए वजह...

World Cup 2003 में सचिन तेंदुलकर ने किया था टिशू पेपर का इस्तेमाल, जानिए वजह... - Sachin Tendulkar used tissue paper in World Cup 2003
नई दिल्ली। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की 2003 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 98 रन की शानदार पारी का हर भारतीय मुफीद है लेकिन कम लोगों को ही पता है कि इस मैच में खिंचाव की परेशानी का सामना करने वाले मास्टर ब्लास्टर ने गंभीर रूप से दस्त (डायरिया) से पीड़ित होने के बावजूद भी श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में मैदान में उतरकर अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डाला। 
 
तेंदुलकर की वह पारी प्रशंसकों को याद है लेकिन पाकिस्तान और फिर श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान इस भारतीय बल्लेबाज को जो परेशानी झेलनी पड़ी उसके बारे में कम लोगों को ही पता है। तेंदुलकर श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान गंभीर रूप से दस्त से जूझ रहे थे और उससे निपटने के लिए उन्हें टिशू पेपर का इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने इस मैच में 97 रन बनाए थे जिसे भारतीय टीम ने 183 रन से जीता था। 
 
इस विश्व कप में तेंदुलकर ने 673 रन बनाए थे जो किसी भी खिलाड़ी का एक विश्व कप में सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड है। इस दौरान पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ उन्हें अपने शरीर को जोखिम में डालना पड़ा था। 
मास्टर ब्लास्टर ने इंडिया टुडे टेलीविजन चैलन के विशेष कार्यक्रम ‘इंस्पिरेशन’ में कहा, ‘पाकिस्तान के खिलाफ वह मैच मेरे करियर का एकमात्र ऐसा मुकाबला था जिसमें मैंने रनर लिया था। यह विश्व कप का मैच था और ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझमें 500 किलोग्राम वजन बांध दिया हो। आप हमारे तत्कालीन फिजियो एंड्रयू लीपस से इस बारे में पूछ सकते हैं।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘मेरे शरीर में काफी दर्द था और मैं रन लेने के लिए दौड़ रहा था जो सही नहीं था। मैं मैदान पर गिर गया और मैंने उठने की कोशिश की लेकिन उठ नहीं पाया। मुझे लगा ऐंठन के कारण शरीर को काफी नुकसान होगा।’ तेंदुलकर ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ मैच से पहले उबरने के लिए जरूरत से ज्यादा नमक का पानी लेने का उलटा असर हो गया। 
 
उन्होंने कहा, ‘मेरे पेट में समस्या थी लेकिन मैं अगले मैच में ऐंठन से बचना चाहता था इसलिए मैं जरूरत से ज्यादा नमक पानी का घोल ले रहा था। यह इतना ज्यादा हो गया कि मुझे डायरिया की समस्या हो गई।’ 
 
तेंदुलकर से पूछा गया कि ऐसी शारीरिक स्थिति के बाद भी उन्होंने मैदान में उतरने का फैसला कैसे किया तो इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘जब आप इस स्तर पर खेलते हैं तो उन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आपको वहां जाना होता है और खेलना पड़ता है, फिर चाहे मैं वहां खड़ा रहूं, बल्लेबाजी करूं या नहीं।’
 
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