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Last Updated : सोमवार, 19 सितम्बर 2022 (17:29 IST)

ग्वालियर में जिस गेंद के खिलाफ सचिन ने बनाए थे 200 रन, वह 12 साल बाद इंदौर में मिली

ग्वालियर में जिस गेंद के खिलाफ सचिन ने बनाए थे 200 रन, वह 12 साल बाद इंदौर में मिली - Sachin Tendulkar receives the ball which was blasted for a 200 not out in Gwalior
इंदौर: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 12 साल पहले ग्वालियर में जिस गेंद से अंतरराष्ट्रीय वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक जड़ा था, वह गेंद उन्हें इंदौर में तोहफे के रूप में प्रदान की गई है। मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

गौरतलब है कि ‘रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज टूर्नामेंट’ के टी-20 मुकाबलों के सिलसिले में तेंदुलकर फिलहाल इंदौर में हैं। फटाफट क्रिकेट के प्रारूप वाली इस स्पर्धा में पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों से सजी अलग-अलग देशों की टीम के बीच मुकाबले हो रहे हैं और इसमें तेंदुलकर ‘इंडिया लीजेंड्स’ टीम की अगुवाई कर रहे हैं।

एमपीसीए के मुख्य क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान ने बताया कि तेंदुलकर अभ्यास के लिए रविवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे, तो वह ‘‘मास्टर ब्लास्टर’’ के ग्वालियर में दागे गए दोहरे शतक के कीर्तिमान से जुड़ी गेंद लेकर उनके पास पहुंचे और उनसे इस गेंद पर ऑटोग्राफ देने की गुजारिश की।

उन्होंने बताया,‘‘यह गेंद देखते ही प्रफुल्लित तेंदुलकर ने मुझसे पूछा कि क्या मैं इसे उन्हें तोहफे में दे सकता हूं? मैं तुरंत सहमत हो गया क्योंकि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। अब यह गेंद उसके सही मालिक के पास पहुंच गई है।’’

चौहान ने बताया कि ग्वालियर में 12 साल पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया एक दिवसीय मैच खत्म होने के बाद उन्होंने तेंदुलकर के दोहरे शतक के कीर्तिमान से जुड़ी गेंद को यादगार के तौर पर सहेज कर रख लिया था।

विकेट तैयार करने में चार दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले क्यूरेटर ने बताया कि ग्वालियर के कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम के जिस पिच पर तेंदुलकर ने यह कीर्तिमान बनाया, उसे उन्होंने ही तैयार किया था।

गौरतलब है कि ग्वालियर में 24 फरवरी 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक दिवसीय मुकाबले में तेंदुलकर ने 147 गेंदों पर 25 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 200 रन की नाबाद पारी खेली थी। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इस प्रारूप में पहली बार था, जब किसी खिलाड़ी ने दोहरा शतक जड़ा हो।

इस मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर 153 रन के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी और तेंदुलकर को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था।

कार में बैठने वाले सभी लोगों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य करना अच्छा और जरूरी कदम : तेंदुलकर

देश के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कार में बैठने वाले हर व्यक्ति के अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट पहनने के प्रावधान के पालन पर सरकार की ओर से जोर दिए जाने का रविवार को स्वागत किया और यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से इसे "अच्छा और जरूरी कदम" बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में चार सितंबर को सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (54) की मौत से कुछ ही दिन पहले उन्होंने इत्तेफाक से एक साक्षात्कार में सवारियों की सुरक्षा के तकनीकी उपाय के रूप में सीट बेल्ट को सर्वश्रेष्ठ करार दिया था।
तेंदुलकर ने इंदौर में चुनिंदा संवाददाताओं के साथ बातचीत के दौरान कहा,‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सड़क हादसे में मिस्त्री को अपनी जान गंवानी पड़ी। लेकिन यह एक संयोग है कि उनकी मौत के पूर्व कोई ढाई हफ्ते पहले जब एक साक्षात्कार में मुझसे पूछा गया कि अलग-अलग तकनीकी नवाचारों के कारण कारों में हो रहे बदलाव को लेकर मैं किस पहलू को बेहतरीन करार दूंगा, इस पर मैंने जवाब दिया था कि (सवारियों की सुरक्षा के मामले में) सीट बेल्ट का कोई मुकाबला नहीं है।"

उन्होंने कहा कि यह अच्छा और जरूरी कदम है कि सरकार कार की अगली और पिछली सीटों पर बैठने वाले हर व्यक्ति के अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट पहनने के प्रावधान के पालन पर जोर दे रही है।तेंदुलकर ने कहा,‘‘आमतौर पर देखा जाता है कि कई लोग कार में सीट बेल्ट नहीं पहनते। मैं खुद काफी कार चलाता हूं और जैसे ही गाड़ी में बैठता हूं, तो पहला काम सीट बेल्ट लगाने का ही करता हूं। वरना मुझे लगता है कि कहीं न कहीं कोई कमी है।"

उन्होंने कहा,‘‘मैं अपने साथी खिलाड़ियों से हमेशा कहता हूं कि जब हम सीमा रेखा की रस्सी लांघ कर मैदान में प्रवेश करते हैं, तो हमें खेलते वक्त याद रखना चाहिए कि लोगों की उम्मीदें हमसे जुड़ी होती हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि हम हमेशा उम्दा प्रदर्शन करेंगे। लेकिन इसकी गारंटी ली जा सकती है कि हम उम्दा प्रदर्शन के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास करेंगे।’’

इंदौर से जुड़ी यादों को किया याद

इंदौर शहर से जुड़ी अपनी यादों के बारे में तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं उस लम्हे को कभी भूल नहीं सकता, जब मैं सौरव गांगुली और अन्य साथी खिलाड़ियों के संग 13 साल की उम्र में एक प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने इंदौर आया था। तब महान बल्लेबाज मुश्ताक अली ने अभ्यास के दौरान हमसे गेंदे फिंकवा कर कुछ देर के लिए बल्लेबाजी की थी। बाद में हमें उनके साथ रात के भोजन का सौभाग्य भी हासिल हुआ था।"

इंदौर की स्वच्छता पर की तारीफ

तेंदुलकर ने यह भी कहा कि इंदौर ने राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पांच बार अव्वल रहकर समूचे देश के सामने नजीर पेश की है।स्वच्छ भारत अभियान के दूत तेंदुलकर ने कहा,‘‘भारत हमारी मातृभूमि है। अगर हर नागरिक महज 50 वर्ग फुट के छोटे-से हिस्से को साफ-सुथरा बनाए रखने का जिम्मा ले ले, तो पूरा देश स्वच्छ हो जाएगा।’’ (भाषा)
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