मिथुन मन्हास के बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर काबिज होने की पुष्टि रविवार को वार्षिक आम बैठक में हुई जिससे साफ दिखा कि फैसला करने वाले पदाधिकारी इस पद पर क्रिकेटरों को बनाए रखने की प्रथा जारी रखना चाहते हैं।सौरव गांगुली और हरभजन सिंह जैसे कुछ बड़े नामों के बावजूद मन्हास का चुना जाना भले ही हैरानी भरा लगे लेकिन दिल्ली के पूर्व कप्तान एक चतुर संचालक हैं जो किसी भी घटनाक्रम के उतार-चढ़ाव को तुरंत भांप लेते हैं।जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) में क्रिकेट परिचालन निदेशक के रूप में उनके काम का अनुभव इसका ठोस सबूत पेश करता है।
आमतौर पर इस तरह के पद आकर्षक होते हैं और इन पर बैठे लोग सत्ता के दबाव में आए बिना अपना कार्यकाल पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन 45 वर्षीय मन्हास ने सुनिश्चित किया कि वह अपना काम अच्छी तरह करें जिससे उनके मार्गदर्शन में जम्मू श्रीनगर में क्रिकेट सुविधाओं का व्यापक कायाकल्प हुआ।
मन्हास ने राज्य की पिचों के पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई जिसका घरेलू क्रिकेटरों पर गहरा प्रभाव पड़ा।जम्मू कश्मीर के गेंदबाजी कोच पी कृष्ण कुमार ने पीटीआई को बताया, नयी पिचों ने निश्चित रूप से राज्य के क्रिकेटरों के खेल के स्तर में सुधार किया है। अब वे मुंबई या बड़ौदा जैसी बड़ी टीमों का सामना करते समय अधिक आत्मविश्वास से भरे दिखते हैं।
उन्होंने कहा, अब इस क्षेत्र के कई खिलाड़ी उत्तर क्षेत्र (दलीप ट्रॉफी के लिए) में हैं। निश्चित रूप से प्रशासन चीजों को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और मन्हास जैसे अनुभवी और काम करने वाले व्यक्ति की मौजूदगी काफी मददगार रही है।
बीसीसीआई अध्यक्ष पद काफी जिम्मेदारियों से भरा होता है जिसके लिए ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो मानसिक रूप से बेहद मजबूत हो।पिछले दो बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी खिलाड़ियों के रूप में काफी प्रतिष्ठावान थे और सभी उनका सम्मान करते थे जिससे उनके फैसलों पर सवाल नहीं उठे।
लेकिन मन्हास के पास यह सुविधा नहीं है। वह राज्य स्तर पर प्रशासन में माहिर हो सकते हैं लेकिन बीसीसीआई का प्रशासनिक पद मुश्किल जगह है। अब इस 45 वर्षीय खिलाड़ी को कुछ अनुभवी प्रशासकों के बीच सत्ता के गलियारों में अपनी जगह बनाने की जरूरत है।पर उनकी लगन और कड़ी मेहनत करने की इच्छाशक्ति उन्हें इसमें मदद करेगी।
बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, पहले कुछ महीने उनके लिए आसान होंगे। लेकिन बाद के महीनों में माहौल और गरमा जाएगा क्योंकि भारत को अगले साल विश्व कप (टी20 विश्व कप) की मेजबानी भी करनी है जिसमें उनके प्रशासनिक कौशल की परीक्षा होगी।
ऐसा रहा है करियरप्रथम श्रेणी में 157 मैच खेल चुके क्रिकेटर मिथुन मन्हास बीसीसीआई के 37वें अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला है लेकिन प्रथम श्रेणी में उन्होंने 27 शतक से 9714 रन बनाए हैं जबकि लिस्ट ए मैचों में उनके 4126 रन हैं।
लगभग दो दशक की लंबी यात्रा के दौरान दाएं हाथ का यह खिलाड़ी दिल्ली ड्रेसिंग रूम का हिस्सा था जिसमें वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, शिखर धवन, विराट कोहली, ऋषभ पंत आदि जैसे खिलाड़ी शामिल थे।मन्हास कई सत्र तक उनके कप्तान भी रहे और वह किसी स्टार खिलाड़ी की मौजूदगी से घबराए बिना आम तौर पर ड्रेसिंग रूम में सामंजस्य बनाए रखते थे।
मन्हास रिश्तों को निभाने का एक बेहतरीन तरीका है और यह आईपीएल में पंजाब किंग्स और गुजरात टाइटन्स के साथ उनके जुड़ाव के दौरान भी देखने को मिला जिसमें उनके पूर्व साथी सहवाग और नेहरा कोचिंग की भूमिका में थे।पूर्व सलामी बल्लेबाज और क्रिकेट कमेंटेटेर आकाश चोपड़ा ने खेलने के दिनों को याद करते हुए कहा, वह हमेशा लोगों के बीच लोकप्रिय रहे। वह उस दिल्ली टीम के कप्तान थे जिसमें कई बड़े स्टार और भारत के खिलाड़ी थे। वे उनके नेतृत्व में खेले।
(भाषा)