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Last Updated : गुरुवार, 21 नवंबर 2019 (20:28 IST)

Kolkata Test : गुलाबी गेंद को लेकर टीम इंडिया और बांग्लादेश पर दबाव

Kolkata Test : गुलाबी गेंद को लेकर टीम इंडिया और बांग्लादेश पर दबाव - India vs Bangladesh day-night match
कोलकाता। भारत और बांग्लादेश के बीच सीरीज का दूसरा और अंतिम टेस्ट मैच 22 नवम्बर से ईडन गार्डन पर शुरू होने जा रहा है। देशभर में गुलाबी गेंद के ऐतिहासिक मुकाबले को लेकर जोर-शोर के बीच दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर भी प्रभावशाली प्रदर्शन का कुछ दबाव रह सकता है। 
 
इस सीरीज में टीम इंडिया फिलहाल इंदौर टेस्ट जीतकर 1-0 से आगे है। टीम इंडिया ने होल्कर मैदान पर 3 दिन में ही पारी और 130 रन की जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया था।

विशेषज्ञों के अनुसार गुलाबी गेंद अधिक स्विंग करती है जिससे कोलकाता में भारतीय तेज गेंदबाजों खासकर मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा की तेज गेंदबाज तिकड़ी इस बार भी हावी रह सकती है। 
पहले मैच में 7 विकेट निकालने वाले शमी का ईडन गार्डन घरेलू मैदान भी है, जहां वर्ष 2016 में मोहन बगान और भवानीपुर के बीच चार दिवसीय घरेलू मैच को गुलाबी गेंद से पहली बार खेला गया था।

बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) द्वारा आयोजित इस मैच में शमी ने बगान के लिए खेलते हुए 7 विकेट लिए थे और इस बार भी उनके विपक्षी टीम पर इसी आक्रमण की उम्मीद है।
 
तेज गेंदबाजों के अलावा भारत के पास ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पिछले मैच की 2 पारियों 5 विकेट निकाले थे जबकि लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा अन्य स्पिन विकल्प हैं।

खुद विराट ने मैच के बाद कहा था कि किसी भी कप्तान के लिए यह सपने सरीखा गेंदबाजी संयोजन है, ऐसे में दूसरे मुकाबले में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है।
 
बांग्लादेशी टीम होल्कर के मैच को भारत के हरफनमौला खेल के लिए हमेशा याद रखेगी, जहां वह 2 पारियों में 150 और 213 रन पर सिमट गई थी जबकि बल्लेबाजी में भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल ने अकेले ही 242 रन बना डाले।
 
अजिंक्य रहाणे के 86 और चेतेश्वर पुजारा के 54 रन की बदौलत भारत ने इस मैच में 6 विकेट पर 493 रन का विशाल स्कोर बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी। साफ है कि भारत रनों के लिए विराट या रोहित शर्मा पर ही निर्भर नहीं है और टीम का पूरा क्रम रन स्कोरर है।
दोनों ही टीमों का यह पहला गुलाबी गेंद अनुभव होगा। भारत और बांग्लादेश ने इससे काफी अभ्यास किया है लेकिन मैदान पर यह गेंद कैसा व्यवहार करती है इससे वे भी अनजान है। कैब क्यूरेटर सुजान मुखर्जी के अनुसार गुलाबी गेंद दोनों ही टीमों को फायदा पहुंचेगा।
 
विशेषज्ञों के अनुसार इस गेंद की चमक 2 से 3 सत्र तक बरकरार रह सकती है लेकिन अधिक रोगन की वजह से यह काफी स्विंग करेगी। हालांकि चमक फीकी पड़ने के साथ इसके व्यवहार में बदलाव होगा। ऐसे में टॉस की भी मैच में अहम भूमिका होगी।
 
भारतीय टीम एसजी गुलाबी गेंदों से खेलेगी जबकि कई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में कूकाबूरा गुलाबी गेंदों से पहले खेल चुके हैं। लेकिन एसजी गेंदें अलग होती हैं इसलिए इसका व्यवहार भी अलग माना जा रहा है जो दोनों टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
इस बीच बांग्लादेशी टीम को अपने रिजर्व ओपनिंग बल्लेबाज सैफ हसन के बाहर हो जाने से बड़ा झटका लगा है। 21 वर्षीय बल्लेबाज के गुलाबी गेंद टेस्ट में पदार्पण की उम्मीद थी लेकिन इंदौर में 12वें खिलाड़ी के तौर पर फील्डिंग के दौरान उनकी गेंद में चोट लग गई थी। ऐसे में बांग्लादेश के लिए ओपनिंग में उपयुक्त बल्लेबाज की तलाश रहेगी। 
 
शादमान इस्लाम और इमरूल काएस ने इंदौर की 2 पारियों में मात्र 24 रन बनाए थे लेकिन हसन की चोट के कारण कोलकाता में भी टीम को इसी ओपनिंग जोड़ी के साथ उतरना पड़ेगा। बांग्लादेश गेंदबाजी कोच डेनिअल विटोरी ने भी माना है कि दूधिया रौशनी में गुलाबी गेंद से खेलना बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
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