रोहित की गैरमौजूदगी में पुजारा की शानदार कप्तानी, अक्षर की ओर उछाली गेंद और रिव्यू लेकर पाया बड़ा विकेट
ऑस्ट्रेलिया और भारत बीच बॉर्डर-गावस्कर के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज, उस्मान ख्वाजा ने पूरी भारतीय टीम को परेशान कर रखा था। उन्होंने पुरे पांच सत्र बल्लेबाजी कर 180 रन बनाए। उन्हें बल्लेबाजी करते देख ऐसा लग रहा था जैसे अंगद ने अपना पैर जमा लिया हो। वे क्रिस से टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे थे। कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें आउट करने के लिए हर तरह के पांसे का उपयोग किया लेकिन ख्वाजा के सामने उनका कोई भी गेंदबाज, कोई भी चाल कामयाब न हो सकी।
लंच के बाद उस्मान के साथ खेल रहे कैमरन ग्रीन भी अपना मेडेन शतक पूरा कर चुके थे। तब टीम इंडिया के ऊपर दबाव साफ़ नज़र आ रहा था लेकिन उसके बाद रविचंद्रन आश्विन ने तीन विकेट (ग्रीन,केरी,स्टार्क) लेकर भारतीय खेमे में एक राहत की सांस लाने का काम किया। उस्मान ख्वाजा पर इन विकटों का कोई असर होते दिख नहीं रहा था मैच में चाय का समय भी हो चूका था। 'टी टाइम' तक ऑस्ट्रेलिया अपने 7 विकेट खोकर 409 के आंकड़े तक पहुंच चूका था। टी ब्रेक के बाद तीसरे सत्र में कप्तान रोहित शर्मा टीम के साथ ग्राउंड पर आते नहीं दिखे, ऐसे में टीम की कप्तानी चेतेश्वर पुजारा को सौंपी गई।
पुजारा ने गेंद अक्षर पटेल के हाथों में थमाई। गुजरात में जन्मे अक्षर पटेल ने ओवर की पहली ही गेंद पर पहाड़ जैसे खड़े उस्मान ख्वाजा को चलता किया। अक्षर पटेल ने उस्मान को आउट करने के लिए उनके पैड पर गेंद दे मारी। उसके बाद टीम ने मैदानी अंपायर, नितिन मेनन से एक जोरदार अपील की लेकिन मेनन ने उस्मान ख्वाजा को नॉट आउट करार दिया। पुजारा ने अक्षर पटेल पर भरोसा जताते हुए DRS लिया जिसमे यह साफ हुआ कि गेंद विकेट पर जाकर लगी थी।
नितिन मेनन को अपना निर्णय वापस लेकर उस्मान को आउट करार देना पड़ा। अक्षर पटेल का इस स्टेडियम में एक अच्छा खासा रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों में 20 विकेट चटकाए थे।
चेतेश्वर पुजारा का भी रिकॉर्ड इस स्टेडियम में बेहतरीन रहा है उन्होंने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ 206 रन बनाए थे और वह उनके टेस्ट करियर का सर्वाधिक स्कोर है। 480 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी ख़त्म हुई। भारतीय टीम अपनी पहली पारी में ज़्यादा से ज़्यादा रन बटोरना चाहेगी ताकि चौथी पारी में उनपर किसी तरह का दबाव न आए।