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Last Modified: बेंगलुरु , बुधवार, 1 नवंबर 2017 (14:26 IST)

अनिल कुंबले को हटाने का तरीका गलत : राहुल द्रविड़

अनिल कुंबले को हटाने का तरीका गलत : राहुल द्रविड़ - Anil Kumble Rahul Dravid Indian captain
बेंगलुरु। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने पूर्व भारतीय कोच अनिल कुंबले को उनके पद से हटाने के तरीके को निंदनीय करार दिया है। कुंबले ने इस वर्ष चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली हार के बाद कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि उनके और कप्तान विराट कोहली के बीच रिश्तों में कुछ खटास आ गई थी। टीम चयन हो या फिर मैच की रणनीति, कुंबले और कोहली के बीच एकमत नहीं था। इसलिए अनिल कुंबले ने खुद ही कोच पद से इस्तीफा दे दिया था।
 
द्रविड़ ने बेंगलुरु साहित्योत्सव में कहा कि जिस तरह से पूरा मुद्दा मीडिया में उछला वह अनिल कुंबले के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि सच्चाई क्या है, यह मुझे नहीं पता इसलिए सीधे रुप से मैं कुछ टिप्पणी नहीं कर सकता। मगर कुंबले जैसे दिग्गज खिलाड़ी के लिए निश्चित ही यह बहुत ही अपमानजनक था। सार्वजनिक तौर पर कुंबले से संबंधित ए सारी चीजें बाहर नहीं आनी चाहिए थीं। 
 
अंडर 19 क्रिकेट टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सब मीडिया में काफी उछला जो कुंबले और किसी अन्य के लिए भी सही नहीं था। सच क्या है और बंद दरवाजे के पीछे क्या हुआ, यह मैं नहीं जानता। लेकिन उनके जैसे दिग्गज के लिए यह वाकई दुखद था, जिसने भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जिताए हैं। उनका बतौर कोच करियर भी शानदार रहा है।
 
44 वर्षीय द्रविड़ ने कहा कि कोच को निकाल दिया जाता है। जब आप खेलना छोड़कर कोच बनते हैं तो एक दिन आपको जाना ही पड़ता है। सच्चाई यही है। इंडिया ए और अंडर-19 का कोच होते हुए मैं जानता हूं कि मुझे भी जाना होगा। कुछ फुटबॉल मैनेजर्स को दो मैचों के बाद ही निकाल दिया जाता है। खिलाड़ी कोच से ज्यादा ताकतवर होते हैं, क्योंकि जब हम खेलते थे तो कोच से ज्यादा ताकतवर थे।
 
भारत के लिए 164 टेस्ट, 344 वन-डे और एकमात्र ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पूर्व कप्तान ने कुंबले की तारीफ करते हुए कहा कि वे अपने समय के बहुत बड़े खिलाड़ी थे। टेस्ट मैचों में भारत की जीत में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने एक साल तक टीम की कोचिंग काफी अच्छे तरीके से की। इसलिए इस मुद्दे का इस तरह सार्वजनिक होना ठीक नहीं था। (वार्ता)
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