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Last Modified: सोमवार, 4 मार्च 2019 (18:35 IST)

चौधरी ने कहा, मैंने आईसीसी को कोई पत्र नहीं लिखा

चौधरी ने कहा, मैंने आईसीसी को कोई पत्र नहीं लिखा - Amitabh Chaudhary, BCCI, ICC
मुंबई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बीसीसीआई के उस पत्र से पल्ला झाड़ लिया जिसमें आईसीसी और उसके सदस्य देशों से अपील की गई थी कि आतंकियों को पनाह देने वाले देशों से रिश्ते तोड़ दिए जाएं। 

 
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हालांकि बीसीसीआई के आग्रह को ठुकराते हुए कहा था कि इस तरह के मामलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

टाटा मोटर्स की ‘हैरियर’ को आईपीएल का अधिकारिक साझेदार बनाने की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चौधरी से पूछा गया कि क्या उस पत्र में विशेष रूप से पाकिस्तान का नाम नहीं लिखना गलती थी तो उन्होंने कहा, ‘मैंने पत्र नहीं लिखा।’ 
 
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की मौत के बाद यह पत्र बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी ने प्रशासकों की समिति (सीओए) के साथ सलाह मशविरे के बाद लिखा था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। 
 
चौधरी ने कहा, ‘आईसीसी के चेयरमैन (शशांक मनोहर) ने इस मुद्दे पर बयान दिया था और उन्होंने कहा था कि यह मामला आईसीसी के दायरे से बाहर का है।’ 
 
यह पूछने पर कि क्या बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को तैयार करने में गलती की, उन्होंने कहा, ‘मैं सभी अटकलों को विराम लगाना चाहता हूं कि नजरिए में कोई अंतर नहीं था। बीसीसीआई के सीईओ ने आईसीसी के साथ लिखित संवाद किया था। इस संवाद में दो बिंदू थे- पहला बिंदू सुरक्षा से जुड़ा था, खिलाड़ियों तथा प्रशंसकों की भी।’ 
 
इस पत्र की सामग्री के संदर्भ में चौधरी ने कहा कि विश्व कप से पहले बीसीसीआई की मुख्य चिंता खिलाड़ियों की सुरक्षा है। चौधरी ने कहा, ‘दूसरा मुद्दा इस सुझाव से जुड़ा था कि भारत और आईसीसी के अन्य सदस्यों को उन टीमों के साथ हिस्सा नहीं लेना चाहिए जो उन क्षेत्रों से आती हैं जहां कुछ निश्चित घटनाएं होती हैं लेकिन पत्र में क्षेत्र का जिक्र नहीं था।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘आईसीसी चेयरमैन ने इस पर आईसीसी की नीति बनाने वाल एकमात्र संस्था आईसीसी बोर्ड से चर्चा के बाद कहा था कि इस पर प्रतिक्रिया देना या फैसला करना आईसीसी के दायरे में नहीं है।’ 
 
चौधरी ने कहा कि बीसीसीआई और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के बीच टकराव का हल निकालना जरूरी है जिससे कि वाडा आईसीसी को अनुपालन नहीं करने वाला घोषित नहीं करे। 
 
उन्होंने कहा, ‘यह एक मुद्दा है। वैश्विक संस्था (वाडा) पिछले कुछ समय से आईसीसी से बात कर रही है और मुद्दा यह है कि आईसीसी के सभी प्रतिस्पर्धी देशों को राष्ट्रीय परीक्षण अधिकरण से जुड़ना होगा।’ 
 
चौधरी ने कहा, ‘आईसीसी के एकमात्र सदस्य जितने अब तक इसका विरोध किया है वह बीसीसीआई है और इसका कारण सभी जानते हैं और यही कारण है कि यह मुद्दा अत्यावश्यक है। आईसीसी चेयरमैन का नजरिया है कि मामले की अहमियत को देखते हुए वह जल्द ही बीसीसीआई के साथ बात करेंगे जिससे कि आईसीसी को अनुपालन नहीं करने वाली संस्था नहीं घोषित किया जाए।’ 
 
उन्होंने कहा कि आईपीएल के तुरंत बाद 30 मई से होने वाले विश्व कप को देखते हुए चयनकर्ता भारतीय एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम के मुख्य खिलाड़ियों के काम के बोझ के प्रबंधन पर काम कर रहे हैं। 
 
चौधरी ने कहा, ‘इस समय विस्तार से बताना उचित नहीं होगा लेकिन चयनकर्ता भी इस पर काम कर रहे हैं।’ चौधरी से पूछा गया था कि क्या आईपीएल फ्रेंचाइजियां सैद्धांतिक रूप से इसके लिए राजी हो गई हैं। उन्होंने साथ ही बताया कि आईपीएल मैचों के समय को पहले करने पर भी काम चल रहा है। 
 
आईपीएल सीईओ हेमांग अमीन ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल हमने प्ले ऑफ का समय पहले करके सात बजे कर दिया था। हम अब भी विचार कर रहे हैं कि इसे थोड़ा पहले किया जाए या आठ बजे ही रखा जाए क्योंकि इससे दोपहर के मैच पर भी असर पड़ेगा। पिछले इतने वर्षों से हम दोपहर में 12 से 15 मैच खेल रहे हैं और इसका इनका पर असर पड़ेगा।’ 
 
अमीन ने कहा, ‘खिलाड़ियों का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि अगर हम आठ बजे के मैच को पहले करेंगे तो दोपहर के मैच का समय भी बदलना होगा। उम्मीद करते हैं कि एक हफ्ते के अंदर हम समय की घोषणा कर देंगे।’ (भाषा)
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