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Written By WD Sports Desk
Last Updated : मंगलवार, 10 सितम्बर 2024 (12:15 IST)

AFG vs NZ : हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे...नोएडा में सुविधाओं का बुरा हाल, अफगानिस्तान के खिलाड़ी नाराज

AFG vs NZ : हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे...नोएडा में सुविधाओं का बुरा हाल, अफगानिस्तान के खिलाड़ी नाराज - A huge mess, never coming again,bad condition of facilities in Noida, play delayed due to wet outfield
Afghanistan vs New Zealand One Off Test : शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में घटिया जल निकासी, गीली आउटफील्ड और दयनीय सुविधाओं के कारण सोमवार को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट मैच का पहला दिन एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया।
 
 दोनों देशों के बीच पहले टेस्ट की तैयारी बारिश से प्रभावित हुई थी और न्यूजीलैंड एक भी अभ्यास सत्र ठीक से पूरा नहीं कर पाया था।
 
रात में हुई बूंदाबांदी के अलावा सोमवार को पूरे दिन बारिश नहीं हुई, लेकिन आधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण अनुभवहीन मैदानकर्मियों को मैदान तैयार करने में संघर्ष करना पड़ा।
 
अंपायरों ने पूरे दिन में छह बार निरीक्षण किया। कप्तान टिम साउथी, ऑलराउंडर मिशेल सेंटनर और रचिन रविंद्र सहित न्यूजीलैंड के कई खिलाड़ी भी मैदान का जायजा लेने आए।
 
लेकिन मिड-ऑन और मिड विकेट चिंता का विषय लग रहा था जबकि 30 गज के घेरे के अंदर भी कई पैच थे।
 
धूप निकलने से अच्छी रोशनी से एक बार तो लगा कि मैच शुरू हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट भी मैदानकर्मियों के संघर्ष से नाखुश दिखे। सुपर सोपर्स भी दोपहर एक बजे के बाद ही लगाए गए।
 
आखिरकार शाम 4 बजे पहला दिन रद्द कर दिया गया।

 
मैदानकर्मियों ने अफगानिस्तान के ट्रेनिंग सत्र के लिए मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल किया था।  
 
आधुनिक सुविधाओं की कमी मैदान के बाहर तक फैली हुई थी जिससे पिच के बाहर के संचालन पर असर पड़ा।
 
इस स्थल पर मीडिया के लिए उचित स्टैंड और प्रशंसकों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी।


इसके अलावा ‘एक्रिडिटिड’ मीडिया के लिए पानी की कमी, बिजली की आपूर्ति और महिला शौचालय तक की कमी थी जिससे सभी को कई असुविधाओं का सामना करना पड़ा।
 
प्रशंसकों को भी पता नहीं था कि क्या हो रहा है क्योंकि घोषणा प्रणाली की कोई व्यवस्था नहीं थी।  
 
स्टेडियम प्राधिकरण और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के बीच खराब संचार और पूर्ण कुप्रबंधन था।
एसीबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बहुत गड़बड़ी है, हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे। खिलाड़ी भी यहां की सुविधाओं से नाखुश हैं।’’
 
 उन्होंने कहा, ‘‘हमने संबंधित लोगों से पहले ही बात कर ली थी और स्टेडियम के लोगों ने हमें आश्वासन दिया था कि मीडिया सुविधाओं के संबंध में सब कुछ ठीक रहेगा। ’’

हालांकि यह टेस्ट विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह आईसीसी से संबद्ध है।

 
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे इस स्टेडियम ने 2016 में गुलाबी गेंद के दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) मैच की मेजबानी की थी।
हालांकि कॉरपोरेट मैचों के दौरान मैच फिक्सिंग के कारण सितंबर 2017 में बीसीसीआई ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। तब से यहां बीसीसीआई (BCCI) से संबद्ध कोई भी मैच आयोजित नहीं किया गया है।  
 
स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान के रूप में काम कर चुका है।
 
हालांकि यह स्टेडियम उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के अंतर्गत नहीं आता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला इस मामले को सुलझा पाते हैं या नहीं। (भाषा) 
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