इंजीनियरिंग, NEET दाखिले के अभ्यास के लिए नया ऐप तैयार
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते छात्रों को हो रही मुश्किलों को देखते हुए राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिसके सहारे छात्र जेईई इंजीनियरिंग और नीट के दाखिले के लिए अपना अभ्यास कर सकते हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई के परीक्षा के लिए छात्रों के अभ्यास वास्ते एक ऐप तैयार किया है जिसे 200000 लोगों ने डाउनलोड किया है और इस ऐप के जरिए 80000 छात्रों ने अपना टेस्ट भी दिया है।
डॉ. निशंक ने कहा कि लॉकडाउन के कारण छात्र जेईई की परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ले पा रहे थे और उन्हें तैयारी करने में दिक्कत हो रही थी। कई छात्र इसको लेकर चिंतित थे और वे हमें अपनी समस्या से अवगत करा रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने यह ऐप तैयार किया गया है ताकि छात्र इसके सहारे जेईई और नीट की परीक्षा की तैयारियां ठीक से कर सकें।
कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का दायित्व स्वीकार करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, मेरे प्रति आप सभी के विश्वास और भरोसे के लिए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं, भारत और सभी देशवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि यह सम्मान हम सबको मिला है।
उन्होंने कोविड-19 को एक बड़ी मानवीय त्रासदी मानते हुए कहा कि अगले दो दशकों में कई चुनौतियां आ सकती हैं और इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए साझी कार्रवाई की आवश्यकता होगी क्योंकि इनके पीछे साझा खतरा है जिसके लिए कार्रवाई हेतु साझा जिम्मेदारी की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल सदस्य देशों के गठबंधन की मूल भावना का यह प्रमुख अंग है हालांकि इसके लिए राष्ट्रों के अधिक साझे आदर्शवाद की आवश्यकता है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की मजबूती और तैयारियों की अनदेखी से होने वाले परिणामों से पूरी तरह अवगत करा दिया है। वैश्विक संकट के ऐसे समय में जोखिम प्रबंधन और जोखिम में कमी लाने दोनों स्थितियों के लिए जनस्वास्थ्य के हितों को पुन: ऊर्जावान बनाने और निवेश करने के लिए वैश्विक भागीदारी को और मजबूत बनाने की आवश्यकता होगी।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 पर काबू पाने के भारत के अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि भारत की मृत्यु दर केवल 3 प्रतिशत है और 135 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र एक लाख कोविड-19 के मामले हैं। हमारे रोगियों की स्वस्थ होने की दर 40 प्रतिशत से अधिक है और मामले दोगुना होने की दर 13 दिन है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के नए अध्यक्ष होने के नाते डॉ. हर्ष वर्धन ने शताब्दियों से मानवता को नुकसान पहुंचा रहे रोगों के बारे में अधिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि वैश्विक संसाधनों का पूल बनाकर एक-दूसरे का पूरक बनने के लिए मिलकर सहयोग करने, रोगों के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने का एक अधिक प्रभावशाली और आक्रामक खाका तैयार करने से इन रोगों का उन्मूलन किया जा सकता है।
दवाओं और वैक्सीन की वैश्विक कमी के समाधान और सुधारों की आवश्यकता पूरी करने के लिए एक नया खाका बनाने की आवश्यकता है।(वार्ता)