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Last Modified: गुरुवार, 21 सितम्बर 2017 (00:05 IST)

क्या होगा ट्राई के फैसले का कंपनियों पर असर...

क्या होगा ट्राई के फैसले का कंपनियों पर असर... - TRAI, Telecom Company
मुंबई। रेटिंग एजेंसियों व विश्लेषकों ने बुधवार को कहा कि मोबाइल इंटरक्नेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) में कटौती के ट्राई के फैसले से पुरानी दूरसंचार कंपनियों की आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा जबकि नई कंपनी रिलायंस जियो को फायदा होगा। हालांकि दूरसंचार नियामक ट्राई ने इस फैसले में पक्षपात के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका फैसला वै​ज्ञानिक गणना पर आधारित है और इससे एक कंपनी को फायदा या दूसरी को नुकसान का सवाल ही नहीं उठता।
 
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि ट्राई के इस फैसले का बड़ी पुरानी कंपनियों को फौरी नुकसान होगा और प्रक्रिया में रिलायंस जियो फायदे में रहेगी। इसी तरह वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्कों में कटौती से मौजूदा दूरसंचार कंपनियों से हर साल 60 करोड़ डॉलर तक की राशि नई कंपनी रिलायंस जियो को जाएगी। 
 
फर्म के अनुसार, इन हालात में रिलायंस जियो अपेक्षा से पहले ही ‘लाभालाभ’ की स्थिति में आएगी। इसके साथ ही फर्म का कहना है कि भारती एयरटेल, आइडिया सेल्यूलर व वोडाफोन जैसी पुरानी कंपनियों का शुद्ध लाभ मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में 3-6 प्रतिशत घटेगा।
 
ट्राई ने कल आईयूसी को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया। नियामक ने यह भी कहा है कि एक जनवरी 2020 से इस शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। नियामक के इस फैसले को लेकर खासा विवाद हो रहा है। भारती एयरटेल व वोडाफोन ने नियामक के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसका फायदा केवल एक कंपनी को होगा, जबकि दूरसंचार उद्योग की वित्तीय हालत और बिगड़ेगी।
 
उधर दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने मोबाइल इंटरक्नेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) में कटौती के अपने फैसले में अपारदर्शिता के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि लागत की गणना वस्तुनिष्ठ व वैज्ञानिक तरीके से की गई, जिसमें ‘किसी कंपनी विशेष की मदद करने या नुकसान पहुंचाने‘ का सवाल ही नहीं उठता।
 
ऐसा माना जाता है कि पुरानी कंपनियां ट्राई के इस फैसले को अदालत में चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं। इक्रा का कहना है कि ट्राई के इस फैसले से आईयूसी के रूप में रिलायंस जियो को काफी बचत हो सकती है जिसका भुगतान वह अन्य कंपनियों को करती है। फिच का कहना है कि आईयूसी में कटौती व प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण भारती एयरटेल का कारोबार तथा कर पूर्व लाभ पांच प्रतिशत तक घट सकता है।
 
ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्युरिटीज का कहना है कि ट्राई के फैसले से पुरानी कंपनियों के कर पूर्व लाभ पर वित्त वर्ष 2018 में 3-5 प्रतिशत का असर होगा। यह नुकसान वित्त वर्ष 2019 में 6-10 प्रतिशत तथा वित्त वर्ष 2020 में 7-12 प्रतिशत रहना अनुमानित है। (भाषा)