10 years of Make in India : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया की 10वीं वर्षगांठ पर बुधवार को कहा कि इससे विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात बढ़ा है, क्षमता निर्माण हुआ है और अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज, हम मेक इन इंडिया के 10 वर्ष का जश्न मना रहे हैं। मैं उन सभी को बधाई देता हूं जो पिछले दशक के दौरान इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया देश को विनिर्माण और नवाचार का पावरहाउस बनाने के लिए 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है। यह ध्यान देने वाली बात है कि इन वर्षों में कैसे विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात कैसे बढ़ा है, क्षमता निर्माण हुआ है और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार हरसंभव तरीके से मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुधारों में भारत की प्रगति भी जारी रहेगी। हम सब मिलकर आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण करेंगे!
देश में निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में विकसित करना था। मेक इन इंडिया मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है।
इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
क्या है मैक इंडिया इंडिया : भारत के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' पहल की शुरुआत 25 सितंबर, 2014 को नई दिल्ली से की थी। राजधानी के विज्ञान भवन में मौजूद शीर्ष ग्लोबल सीईओज सहित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'एफडीआई' को 'प्रत्यक्ष विदेशी निवेश' के साथ 'फर्स्ट डेवलप इंडिया' के रूप में समझा जाना चाहिए। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे भारत को सिर्फ बाजार के रूप में न देखें बल्कि इसे एक अवसर समझें।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़नी चाहिए क्योंकि इससे मांग बढ़ेगी और निवेशकों को फायदा मिलने के साथ-साथ विकास को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को जितनी तेजी से गरीबी से बाहर निकालकर मध्यम वर्ग में लाया जाएगा, वैश्विक व्यवसाय के लिए उतने ही अधिक अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इसलिए विदेशों से निवेशकों को नौकरियां सृजित करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सस्ते निर्माण और उदार खरीददार- जिसके पास क्रयशक्ति हो- दोनों की ही जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिक रोजगार का अर्थ है अधिक क्रयशक्ति का होना।
इन सेवा क्षेत्रों पर जोर : सरकार ने उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने तथा रोजगार सृजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' की एक कार्ययोजना बनाई। इसमें नीतिगत पहल, वित्तीय प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा, सुगम कारोबार, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास तथा कौशल विकास जैसे 21 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है।
सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटी और आईटीईएस), पर्यटन और आतिथ्य सेवाएं, चिकित्सा मूल्यांकन भ्रमण, परिवहन और लॉजिस्टिक सेवाएं, लेखा और वित्त सेवाएं, दृश्य-श्रव्य सेवाएं, कानूनी सेवाएं, संचार सेवाएं, निर्माण और उससे संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं, पर्यावरण सेवाएं, वित्तीय सेवाएं और शिक्षा सेवाएं शामिल हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta