Parle-G को सता रहा था आर्थिक सुस्ती का डर, बढ़ा 15% मुनाफा
मुंबई। अभी 2 माह पहले ही आर्थिक सुस्ती के डर से देश की सबसे बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी Parle के 10 हजार कर्मचारियों के नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। हाल ही में घोषित आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 15.2 फीसदी बढ़ा है। इतना ही नहीं कंपनी की आय में भी 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में पारले बिस्किट्स का शुद्ध मुनाफा 410 करोड़ रुपए रहा जो वित्त वर्ष 2017-18 में 355 करोड़ रुपए था। इस दौरान कंपनी को आमदनी में 6.4 फीसदी का इजाफा हुआ। कंपनी की आय बढ़कर 9,030 करोड़ रुपए हो गई। 2017-18 में यह आंकड़ा 8,780 करोड़ रुपए था। इस तरह कंपनी ने एक साल पहले के मुकाबले 55 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।
सोशल मीडिया पर बहस : इस मामले में सोशल मीडिया पर भी जमकर बहस होती दिखाई दी। कुछ लोगों ने इस रिपोर्ट के बाद पारलेजी का मजाक उड़ाया तो कुछ का कहना था कि यह रिपोर्ट पूरे वर्ष की है जबकि पारलेजी ने छंटनी की बाद अगस्त 2019 के प्रदर्शन के आधार पर की थी।
कंपनी ने की थी GST कम करने की मांग: पारले का कहना था कि केंद्र सरकार से 100 रुपए प्रतिकिलो या इससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST में कटौती किए जाने की मांग की थी, यह बिस्किट आमतौर पर 5 रुपए और उससे कम कीमत के पैक पर बेचे जाते हैं। कंपनी ने कहा था कि अगर सरकार हमें प्रोत्साहन नहीं देती तो हमारे पास 8,000-10,000 लोगों को नौकरी से निकालने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।
क्या थी पारले की शिकायत : कंपनी का कहना था कि पिछले टैक्स व्यवस्था के हिसाब से 100 रुपए प्रतिकिलो वाले बिस्किट पर 12 फीसदी टैक्स लगाया जाता था। इससे कंपनियों को उम्मीद थी कि प्रीमियम बिस्किट के GST 12 प्रतिशत और कीमत वाले बिस्किट पर 5 प्रतिशत GST लगेगा, लेकिन सरकार ने दो साल पहले सभी बिस्किट पर 18 प्रतिशत GST लागू कर दी। इस कारण से दामों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के बाद बिस्किट की बिक्री में गिरावट आ गई।