Paytm का करते हैं इस्तेमाल, यह सच्चाई आपके होश उड़ा देगी
दुनियाभर में मोबाइल वॉलेट का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। मोबाइल वॉलेट से भुगतान की स्थिति में मिलने वाले लुभावने कैश बैक सभी को आसानी से अपना आकर्षित करते हैं। पेटीएम मामला उजागर होने के बाद यह सवाल भी उठने लगे हैं कि मोबाइल वॉलेट से ट्रांजेक्शन कितना सुरक्षित है?
आम लोगों में नोटबंदी के बाद से ही देश में मोबाइल वॉलेट का चलन बढ़ गया है। इसके दो बड़े फायदे हैं एक तो पैसा तुरंत सामने वाले के खाते में पहुंच जाता है। दूसरा इस पर कई बार कैश बैक भी मिल जाता है। वॉलेट से ई शॉपिंग करने पर लोगों को भारी डिस्काउंट भी मिलता है।
क्या होता है मोबाइल वॉलेट : मोबाइल वॉलेट मोबाइल में खोले जाने वाले बैंक खाते की तरह है। इंटरनेट के मदद से बनाए जाने वाले अन्य खातों की तरह यह भी एक वर्चुअल खाता ही है जो आपके मोबाइल नंबर लेते वक्त दिए गए विवरणों को आधार बनाकर आपके पैसे का लेन-देन करता है। मोबाइल वॉलेट एक खाते से दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर करने के सरल सिद्धान्त पर काम करता है इसके लिए लेने वाले और देने वाले दोनों के पास उस मोबाइल प्रदाता कंपनी का खाता या वॉलेट होना जरूरी है।
कितना सुरक्षित है मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल : अगर मोबाइल वॉलेट में आप अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे रखते हैं तो यह आपके लिए वरदान है। इसमें आपको अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स बार-बार सार्वजनिक नहीं करनी पड़ती है इसलिए आपकी रकम सुरक्षित रहती है। ज्यादातर सेवाओं में मोबाइल वॉलेट प्रभावी रूप से काम करती है इसलिए आपको अपने साथ ढेर सारा कैश लेकर नहीं चलना पड़ता।
क्या रखें सावधानियां : अगर आप अपने स्मार्टफोन से मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको कुछ सावधानियां रखनी चाहिए।
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अगर आपका स्मार्टफोन चोरी हो गया और आपके मोबाइल वॉलेट में काफी पैसे है। इस स्थिति में अगर फोन में कोई पासकोड लॉक नहीं है तो चोर की तो चांदी हो गई वो आपके मोबाइल वॉलेट ऐप का उपयोग कर आसानी से शॉपिंग कर सकता है। आपका पासवर्ड बहुत स्ट्रांग होना चाहिए।
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अधिकतर लॉग अपने फोन मोबाइल वॉलेट एप में लॉगिन कर के रखते हैं। ऐसे में अगर आपके फोन का पासवर्ड ना हो तो कोई इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकता है। इसी के साथ फोन खो जाने पर, आपके वॉलेट में मौजूद सारा पैसा भी चला जाएगा।
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आपका मोबाइल फोन, आपका पर्सनल डिवाइस होता है। ऐसे ही हर किसी को अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल करने ना दे।
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Paytm जैसे मोबाइल वॉलेट में स्कैन कर सीधे भुगतान हो जाता है, मोबाइल चोरी होने की दशा में इसमें फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है।
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क्रेडिट, डेबिट कार्ड की डिटेल कभी भी ऐप या ब्राउजर में सेव ना करें। पासवर्ड बदलते रहिए और अगर 2 फैक्टर अथेंटिकेशन का ऑप्शन हो तो उसे जरूर-जरूर इस्तेमाल कीजिए।
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सबसे जरूरी बात तो यही है की ट्रांजेक्शन के लिए आने वाला ओटीपी किसी से भी शेयर ना करें।