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GST : 20 लाख की छूट के कोई मायने नहीं...

GST : 20 लाख की छूट के कोई मायने नहीं... - GST, GST registration
36 पॉइंट में कवर होने वाले को निम्न परिस्थिति में 20 लाख से कम टर्नओवर पर भी GST में रजिस्ट्रेशन जरूरी, अति महत्वपूर्ण GST में 18 तरह की सर्विस और 6 तरह के गुड्स पर 100% कम्पल्सरी रिवर्स चार्ज सर्विस लेने वाले को भरना है। 
जानें, सरकार ने कुछ ट्रांसेक्शन करने पर व्यक्ति को GST नंबर लेने के लिए बाध्य किया है जिसमें उन्हें जीरो टर्नओवर से ही रजिस्ट्रेशन कराकर टैक्स देना है, मतलब 20 लाख की छूट का कोई मायना नहीं रह जाता है जिसमें सबसे बड़ा हथियार रिवर्स चार्ज की लायबिलिटी आने पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है और उधर करीब 24 तरह के व्यवसाय करने पर रिवर्स चार्ज कम्पल्सरी करने से उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने हेतु बाध्य होना पड़ेगा, मतलब टोटल धारा 24 में 12 पॉइंट और कम्पल्सरी रिवर्स चार्ज में 24 पॉइंट। टोटल 36 पॉइंट में यदि आदमी कवर होता है तो उसे 20 लाख से कम टर्नओवर पर भी रजिस्ट्रेशन लेना है, जो कि निम्न है :
 
1. यदि कोई व्यक्ति प्रदेश के बाहर टैक्सेबल माल या सर्विस बेचता है (प्रदेश के बाहर से खरीदने पर नहीं)।
 
2. कोई केसुअल टैक्सेबल पर्सन है, जो टैक्सेबल सप्लाई करता है। केसुअल टैक्सेबल पर्सन वह होता है, जो टेम्परेरी किसी प्रदेश में काम जाकर करता है, जैसे इरेक्शन वगैरह, कांट्रेक्टर जो प्रदेश के बाहर काम लेते हैं। 
 
3. जिस व्यक्ति पर रिवर्स चार्ज के अंतर्गत टैक्स भरने की लायबिलिटी आती है। इस पॉइंट के अंतर्गत 24 तरह के व्यसाय करने पर रिवर्स चार्ज कम्पल्सरी है जिसमें धारा 9 (3) के अनुसार नोटिफिकेशन में निम्न शामिल हैं : 
 
1. इसके अंतर्गत सरकार ने 18 सेवाओं की सेवा लेने वाले को जरूरी की लिस्ट में डाला है, जैसे GTA/ इंश्योरेंस कं. द्वारा एजेंट से सेवा लेना/ विदेशी से सेवा लेना/ गवर्नमेंट द्वारा कुछ सर्विस छोड़कर सेवा देना/ वकील सेवा/ स्पॉन्सर सर्विस/ ऑर्बिट्रल ट्रेबुनल द्वारा सर्विस/ कंपनी के डायरेक्टर की सेवा कं. द्वारा लेना/ बैंक का रिकवरी एजेंट/ शिपिंग विदेश से भारत में/ कॉपीराइट के उपयोग का अधिकार देना/ रेडियो टैक्सी या यात्री बस, जो ई-कॉमर्स ऑपरेटर बुक करता है, इन सभी पर सेवा लेने वाले को टैक्स भरना है मतलब रजिस्ट्रेशन जरूरी कराना है। गुड्स में 6 आइटम्स में व्यवसाय करने वालों पर जैसे काजू यदि एग्रीकल्चरिस्ट से खरीदा, तेंदूपत्ता बीड़ी पत्ता किसी एग्रीकल्चरिस्ट से खरीदा, तम्बाकू पत्ता किसी एग्रीकल्चरिस्ट से खरीदा, सिल्क यार्न किसी से भी अनरजिस्टर्ड से खरीदा, लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर या लॉटरी एजेंट पर जवाबदारी रिवर्स चार्ज में खरीददार पर डाली है, जो कम्पल्सरी RCM में है। 
 
'GTA एक बड़ी समस्या' जानना अत्यंत जरूरी : 
गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी यदि किसी GST रजिस्टर्ड व्यक्ति, किसी फैक्टरी को जो फैक्टरी एक्ट, 1948 में गवर्न होती हो, सोसाइटी, को-ऑपरेटिव सोसाइटी, कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, एसोसिएशन ऑफ पर्सन (AOP), केसुअल टैक्सेबल पर्सन (भले ही GST में रजिस्टर्ड हो या न हो) को अपनी भाड़े की सर्विस देती है तो सर्विस लेने वाले को टैक्स भरना है मतलब जो भाड़े का भुगतान करेगा उसे 100% रिवर्स चार्ज भरना पड़ेगा मतलब जैसे ही इन्होंने भाड़े पर माल मंगाया, वैसे ही रिवर्स चार्ज की लायबिलिटी आ गई और व्यक्ति GST में कम्पल्सरी रजिस्ट्रेशन कराने हेतु फंसा, क्योंकि धारा 24 (III) के अनुसार यदि रिवर्स चार्ज की लायबिलिटी आती है तो 20 लाख के टर्नओवर की छूट नहीं है भले ही उसका टर्नओवर 1 लाख ही क्यों न हो। मतलब उपरोक्त लिखित व्यक्ति GTA को भाड़ा देता है तो उसे GST में रजिस्ट्रेशन कराना ही है मतलब भागीदारी फर्म/ कं./ AOP/ फैक्टरी/ सोसाइटी सभी इसमें परेशानी महसूस कर रहे हैं।
 
उपरोक्त लिस्ट में सिर्फ अनरजिस्टर्ड पर्सन मतलब प्रोप्रायटरशिप फर्म को छोड़ा गया है लेकिन टैक्स सरकार ने यहां भी नहीं छोड़ा है। इस केस में भाड़े पर टैक्स भरने की जवाबदारी GTA पर डाली गई है इसीलिए GTA टैक्स भरने से कतरा रहे हैं और वे अनरजिस्टर्ड का माल नहीं ले जा रहे हैं।
 
4. यदि कोई व्यक्ति धारा 9 (5) में सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार कोई सरकार जरूरी मानती है तो इसमें अभी e-commerce operator को लिया है जिसमें e-commerce वाले को उस प्रदेश में रजिस्ट्रेशन लेना है, जहां वह टैक्स की लायबिलिटी में आता है।
5. कोई नॉन रेसीडेंट टैक्सेबल व्यक्ति किसी टैक्सेबल गुड्स या सर्विस का सप्लाई करता है। 
6. यदि किसी व्यक्ति पर TDS काटने की जिम्मेदारी आती हो। 
7. यदि कोई एजेंट अपने रजिस्टर्ड मालिक के लिए उसके बिहॉफ पर कोई माल सप्लाई करता हो, मतलब पक्के एजेंट को तो रजिस्ट्रेशन कराना ही है।
8. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर हो तो, मतलब कोई व्यक्ति खरीदी एक प्रदेश में करता है और उसकी itc विभिन्न प्रदेश में अपनी ब्रांचों को वापस देता है। 
9. e-commerce operator जिसे धारा 52 में TDS काटना है। 
10. प्रत्येक e-commerce operator को रजिस्ट्रेशन लेना है। 
11. यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन डाटा या इंफॉर्मेशन विदेश से भारतीय किसी अनरजिस्टर्ड को सप्लाई करता है तो। 
12. कोई भी आदमी के लिए सरकार नोटिफिकेशन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन लेना कम्पल्सरी कर सकती है, मतलब आगे के लिए भी सरकार ने सारे सूत्र अपने पास रखे हैं।
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