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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025 (19:10 IST)

आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर रही 6.2 प्रतिशत पर, कृषि क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन

आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर रही 6.2 प्रतिशत पर, कृषि क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन - Economic growth rate stood at 6.2 percent in December
Economic growth rate : देश की आर्थिक वृद्धि दर (economic growth rate) चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 6.2 प्रतिशत (6.2 percent) रह गई। कृषि को छोड़कर खनन, विनिर्माण और अन्य सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहने से इसमें सुस्ती आई है। हालांकि तिमाही आधार पर आर्थिक वृद्धि दर में सुधार दर्ज किया गया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी।
 
आर्थिक प्रदर्शन से संबंधित ये आंकड़े जारी : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को आर्थिक प्रदर्शन से संबंधित ये आंकड़े जारी किए। अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत थी। एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया। इसने जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में अनुमानित 6.4 प्रतिशत के मुकाबले आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।ALSO READ: भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में गढ़े हैं नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
 
सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के मुताबिक तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर 1 साल पहले की समान तिमाही के 14 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत रह गई। खनन और उत्खनन उत्पादन वृद्धि दर तीसरी तिमाही में एक साल पहले के 4.7 प्रतिशत से घटकर 1.4 प्रतिशत रह गई। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी 1 साल पहले के 10 प्रतिशत से घटकर 7 प्रतिशत रह गई। हालांकि इस तिमाही में कृषि क्षेत्र का उत्पादन 5.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि 1 साल पहले इसी तिमाही में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
 
राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवा क्षेत्र में तीसरी तिमाही में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 1 साल पहले इसी तिमाही में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सेवा क्षेत्र- व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में वृद्धि दर 1 साल पहले के 8 प्रतिशत के मुकाबले 6.7 प्रतिशत रही।
 
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में तीसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 1 साल पहले की समान तिमाही में 8.4 प्रतिशत थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत से अधिक है।
 
एनएसओ ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमतों पर जीडीपी का आकार 187.95 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है जबकि वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 176.51 लाख करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2023-24 में 9.2 प्रतिशत थी।ALSO READ: अमित शाह ने ली उत्तराखंड के सीएम से हिमस्खलन में फंसे लोगों के बारे में जानकारी
 
जीडीपी का आकार चालू वित्त वर्ष के अंत में बढ़ा : बयान के अनुसार मौजूदा कीमतों पर जीडीपी का आकार चालू वित्त वर्ष के अंत में 331.03 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है जबकि 2023-24 में यह 301.23 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर की संभावना है। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में स्थिर कीमतों पर जीडीपी 47.17 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में यह 44.44 लाख करोड़ रुपए थी। यह 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। इसके साथ ही एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए जीडीपी वृद्धि को 8.2 प्रतिशत से संशोधित कर 9.2 प्रतिशत कर दिया है।
 
एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के जीडीपी अनुमानों को भी 6.7 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत से संशोधित कर क्रमश: 6.5 और 5.6 प्रतिशत कर दिया है। इस तरह अप्रैल-दिसंबर 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही है, जो 1 साल पहले की समान अवधि में 9.5 प्रतिशत थी। एनएसओ के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए क्रमशः 1,69,145 रुपए और 1,88,892 रुपए अनुमानित है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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