शनि से होती कौन-सी बीमारी, जानिए
यदि सूर्य और चन्द्र को छोड़कर बात करें तो बड़े और प्रभावशील ग्रहों में वैसे गुरु के बाद शनि को रखा जाना चाहिए, लेकिन हमने शुक्र को रखा, क्योंकि उसका प्रभाव धरती पर सबसे ज्यादा रहता है और शनि का प्रभाव निश्चित दिनों और माह में होता है।
हालांकि जब शनि अपने प्रभाव में आता है तो व्यक्ति से सबकुछ छीनकर चला जाता है। अगले ढाई वर्ष के बाद फिर आता है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में शनि के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए संक्षिप्त जानकारी।
कैसे होता शनि खराब :* घर की वायव्य दिशा के खराब होने से शनि भी खराब हो जाता है।
* जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना।
* परस्त्रीगमन करना, अप्राकृतिक रूप से संभोग करना।
* झूठी गवाही देना।
* निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना।
* चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना।
* ईश्वर के खिलाफ होना, धर्म का मजाक बनाना या उड़ाना, धर्म का अपमान करना।
* दांतों को गंदा रखना, नाखूनों में मेल रखना और आंखों को गंदा रखना।
* तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना।
* सांप, कुत्ते और कौवों को सताना।
* अंधे, अपंग, विधवा और अबला स्त्री को सताना या उनको धोखा देना।
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अशुभ की निशानी :* शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है या मकान बिक जाता है।* घर में लड़ाई-झगड़े के कारण परिवार में फूट पड़ जाती है।* अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।* घर में अचानक आग लग सकती है।* धन-संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है।* समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।* दिमाग में द्वंद्व रहता है।* व्यक्ति अति चालाक हो जाता है।
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