रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ ने एक नई तकनीक विकसित की है जो भूकम्प और भूस्खलन जैसी आपदाओं के बाद मलबे में फँसे लोगों को खोजने में मददगार साबित होगी। डीआरडीओ के मुख्य नियंत्रक प्रहलाद ने कहा कि इस तकनीक को अकोस्टिक लाइफ डिटेक्टर या संजीवनी कहा गया है।
इसमें कम फ्रीक्वेंसी की ध्वनि और आवाजों को सुनने के लिए अति संवेदनशील सेंसर लगे हैं। मलबे में दबे लोगों द्वारा की जाने वाली छोटी से छोटी आवाजों जैसे कराहना आदि को सुनने की क्षमता इस तकनीक में होगी। यह तकनीक आपदा प्रबंधन दलों को मुहैया कराई जाएगी। डीआरडीओ इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए निजी कंपनी की तलाश में है।