शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कहानी
  4. Politeness
Written By

विनम्रता, दूसरों को छोटा न समझें

विनम्रता, दूसरों को छोटा न समझें - Politeness
एक बार कि बात है एक संत थे, वे अक्सर यात्रा पर रहते थे और उनका नियम था कि वे ऐसे ही लोगों के घर आश्रय लेते थे, जिनका अचार विचार अच्छा हो और घर पवित्र हो। इस बार उन्होंने वृन्दावन जाने का सोचा लेकिन पहुँचने से पहले ही जब वो कुछ मील की दूरी पर थे तब रात हो चूकि थी। तो उन्होंने सोचा जिस रास्ते पर चल रहे थे उसे गांव में रात बिता लेता हूं और सवेरे जल्दी उठकर फिर से अपनी यात्रा को शुरू कर दूगा।
 
अब अपने नियम अनुसार उनको ऐसा घर खोजना था जो उनके रहने लायक हो। उन्होंने इस बारे में कुछ लोगों से पूछताछ की तो किसी ने उन्हें बताया कि ब्रज के पास वाले गाँव के सभी लोग धार्मिक है व कृष्ण के परम भक्त है।
संत उस गाँव गये और एक व्यक्ति के घर का द्वार खटखटाया और कहा: भाई मैं थोडा विश्राम करना चाहता हूँ तो क्या मैं आपके घर रात बिता सकता हूँ? लेकिन मेरा एक नियम हैं कि मैं केवल उसी के घर का भोजन और पानी ग्रहण करता हूँ जिसके घर का आचार विचार शुद्ध हो।
 
इस पर उस व्यक्ति ने कहा: महाराज माफ़ कीजिये मैं तो इस गांव का तुच्छ सा इंसान हूं। लेकिन इस गांव के सभी लोग मुझसे कही ज्यादा पवित्र है। फिर भी यदि आप मेरे घर में रुकेगे तो मै खुद को भाग्यशाली मानूंगा।
 
इस पर संत कुछ नहीं बोले और आगे बढ़ गये, आगे जाकर एक और व्यक्ति से उन्होंने रात बिताने के लिए विनती की। तो इस दूसरे व्यक्ति ने कहा: महाराज मैं खुद को इतना पवित्र नहीं मानता जितना इस गांव के बाकि सभी लोग है। फिर भी यदि आप मेरे घर में रुकेगे तो मै मुझे बहुत खूशी होगी।
 
संत फिर बिना कुछ बोले आगे बढ़ गए। अब आगे जिसके भी घर गये सभी ने लगभग यही बात बोली।
 
अब संत को अपनी खुद ही सोच पर लज्जा महसूस होने लगी कि वो एक संत होकर, दूसरो को छोटा समझने की इतनी छोटी सोच रखते है। जबकि एक आम आदमी जो गृहस्थ है वो अपने परिवार के जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी कितना उत्तम आचरण लिए हुए है कि खुद को गांव का सबसे छोटा बता रहा है और दूसरें सभी को खुद से बेहतर!
 
अब वे सबसे पहले वाले आदमी के पास गये और उससे कहा: माफ़ कीजिये, मुझे लगता है इस गांव का हर एक आदमी पवित्र है लेकिन मैं आपके घर रुकना चाहुगा।
 
दोस्तों ये कहानी हमें विनम्र रहने की सीख देती है। खुद को छोटा समझना और दूसरों से अपनी तुलना नहीं करना ही आपको असल जिन्दगी में महान आचरण वाला बनाता है।