बाल गीत : धरा हुई हरियाली
कूक रही है कोयल
भंवरा गा रहा है,
फुदक-फुदक मेंढक
उत्सव मना रहा है।
चहक रही है बगिया
महक रही है क्यारी,
गगन मगन हुआ है
धरा हुई हरियाली।
घूम-घूम के हारिल
डंका बजा रहा है,
फुदक-फुदक मेंढक
उत्सव मना रहा है।
लहर रहे हैं धान
हर्षित हुए किसान,
खेतों में गड़ गए।
ऊंचे-ऊंचे मचान।
टहल-टहल टिड्डा
नजारा दिखा रहा है,
फुदक-फुदक मेंढक
उत्सव मना रहा है।