शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Poem on Gandhi

हिन्दी कविता : स्वच्छ भारत की अलख

हिन्दी कविता : स्वच्छ भारत की अलख - Poem on Gandhi
झाड़ू लेकर साफ-सफाई,
कर दी अपने कमरे की।
 
टेबिल कंचन-सी चमकाई।
कुर्सी की सब धूल उड़ाई।
पोंछ-पांछ के फिर से रख दी,
चीजें पढ़ने-लिखने की।
 
फर्श धो दिया है पानी से।
धूल झड़ाई छत छानी से।
यही उमर होती है, बाबा,
कहते हैं श्रम करने की।
 
गर्द हटाई दीवारों से।
जाले छांटे सब आलों से।
आज प्रतिज्ञा ली सब चीजें,
यथा जगह पर रखने की।
 
बात याद है गांधी वाली।
भारत स्वच्छ बनाने वाली।
मोदी ने फिर अलख जगाई,
निर्मल भारत करने की।
ये भी पढ़ें
कैसे बनाएं घर पर आलू का चटपटा फलाहारी नमकीन, पढ़ें सरल विधि