Karwa chauth 2025: करवा चौथ पर ग्रहों का अद्भुत संयोग, व्रत एवं पूजा का मिलेगा दोगुना फल  
					
					
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  Karwa chauth 2025: कार्तिक माह के करवा चौथ पर बनने वाले ग्रहों के शुभ संयोग और स्थितियों से यह व्रत और भी अत्यंत शुभ फलदायी माना जा रहा है। इस बार 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को कई शुभ योग के साथ ही ग्रह-नक्षत्रों का विशेष योग संयोग भी बन रहा है। इसके चलते इस बार का यह योग अत्यंत ही शुभ माना जाता रहा है। इस दिन दिल्ली टाइम के अनुसार चंद्रोदय रात्रि 08:34 पर होगा।
				  																	
									  
	 
	शुभ संयोग: यह पर्व चतुर्थी तिथि और शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए व्रत रखने वाली महिलाओं को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी दोनों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।
				  
	 
	सिद्धि योग: 9 अक्टूबर को सुबह 09:32 से 10 अक्टूबर को शाम 05:41 तक। 'सिद्धि' का अर्थ है सफलता। सिद्धि योग में किए गए सभी कार्य बिना किसी रुकावट के पूरे होते हैं। इस योग में व्रत रखने और पूजा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। यह योग सुहागिनों के जीवन में आ रही किसी भी तरह की बाधा या दुर्भाग्य को दूर करने में सहायक होता है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
				  						
						
																							
									  
	 
	शिववास योग: करवा चौथ पर यह शुभ योग सूर्योदय से लेकर शाम शाम 07:38 बजे तक रहेगा। शिववास का अर्थ है भगवान शिव का निवास। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। जब भगवान शिव का वास कैलाश पर या माता गौरी के बगल में होता है, तो वह काल पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक और व्रत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में की गई कोई भी पूजा शीघ्र फलदायी होती है।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	ग्रहों के योग:
	1. सूर्य और शुक्र युति: कन्या राशि में सूर्य और शुक्र की युति से शुक्रादित्य योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से नौकरी और व्यापार में अच्छी तरक्की मिलती है। आय के नए स्रोत मजबूत होते हैं और धन-दौलत में वृद्धि होती है। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। 
				  																	
									  
	 
	2. बुध और मंगल: तुला राशि में बुध और मंगल की युति है। इस योग से साहस के साथ ही बुद्धिमानी का संचार भी होगा।
				  																	
									  
	 
	3. चंद्रमा और सूर्य का परिवर्तन: इस बार करवा चौथ पर सूर्यदेव मंगल ग्रह के चित्रा नक्षत्र में और चंद्रदेव सूर्य के कृतिका नक्षत्र से रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने वाले हैं। इसी के साथ ही चंद्रमा वृषभ राशि में संचरण भी करेंगे जो कि अत्यंत दुर्लभ योग का संकेत है।
				  																	
									  
	 
	3. अन्य ग्रह: शनि मीन में, राहु कुंभ में, चंद्रमा वृषभ में, गुरु मिथुन में और केतु सिंह में में रहेंगे।
				  																	
									  
	 
	कुल मिलाकर, प्रेम, सौंदर्य और दांपत्य जीवन के कारक शुक्र, वैवाहिक सुख और शांति के कारक चंद्रमा, और पति पत्नी के मान-सम्मान के कारक सूर्य का शुभ प्रभाव इस बार के करवा चौथ व्रत के महत्व को और बढ़ा रहा है।