गुरुवार, 11 सितम्बर 2025
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जन्माष्टमी
  4. How to celebrate Dahi Handi
Written By WD Feature Desk

कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी कैसे मनाते हैं ?

Dahi Handi celebration 2025
2025 Dahi Handi : जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को समर्पित है और दही हांडी उत्सव इसी का एक महत्वपूर्ण और रंगीन हिस्सा है। यह उत्सव भगवान कृष्ण की बचपन की शरारतों को याद दिलाता है, जब वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऊंची टंगी हुई मटकी से माखन चुराया करते थे।
 
दही हांडी कैसे मनाते हैं? दही हांडी का उत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है, और इसका आयोजन बड़े उत्साह और जोश के साथ किया जाता है। मान्यतानुसार हर साल जन्माष्टमी के ठीक अगले दिन मनाई जाने वाली दही हांडी, श्रीकृष्णजी की बाल लीलाओं की याद दिलाती है। इसी वजह से प्रतिवर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ अन्य राज्यों में 'दही हांडी' का आयोजन होता है। यह उत्सव श्रीकृष्ण की माखन चोरी और बाल लीलाओं की स्मृति में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।ALSO READ: क्या था भगवान श्रीकृष्ण का पहला नाम? जानें पुराणों में क्या लिखा है
 
कृष्ण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ या दही हांडी के दिन क्या-क्या करते हैं...
 
1. मटकी तैयार करना: सबसे पहले, दही, माखन या अन्य मिठाइयों से भरी एक मटकी या हांडी तैयार की जाती है। इसमें कई स्थानों पर दही, मक्खन, मिश्री, नारियल, फूल या कभी-कभी नकद इनाम भी रखा जाता है। इसे रस्सी से काफी ऊंचाई पर, आमतौर पर किसी गली के बीच या मैदान में, लटकाया जाता है।
 
2. गोविंदाओं की टोली: 'गोविंदा' नाम से जाने जाने वाले युवकों की टोली ढोल-नगाड़ों और संगीत की धुन पर नाचते-गाते हुए आयोजन स्थल पर पहुंचती है। ये गोविंदा भगवान कृष्ण के सखाओं/ मित्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
3. मानव पिरामिड बनाना: मटकी तक पहुंचने के लिए गोविंदा एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर मानव पिरामिड बनाते हैं। यह कार्य बहुत सावधानी और संतुलन के साथ किया जाता है, क्योंकि पिरामिड कई मंजिलों का हो सकता है।ALSO READ: श्री कृष्‍ण जन्माष्टमी पर बन रहे हैं शुभ योग, जानिए पूजा मुहूर्त, विधि और मंत्र
 
4. दही हांडी तोड़ना: पिरामिड के सबसे ऊपर खड़ा गोविंदा एक छड़ी की मदद से मटकी को तोड़ता है। जैसे ही मटकी टूटती है, दही और माखन चारों तरफ बिखर जाता है, और लोग जोर-शोर से जयकारे लगाते हैं।
5. उत्साह और प्रतियोगिता: कई जगहों पर दही हांडी को एक प्रतियोगिता के रूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें जीतने वाली टीम को पुरस्कार भी मिलता है। इस दौरान दर्शक भी पानी और रंग फेंककर गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाते हैं। यह उत्सव न सिर्फ एक खेल है, बल्कि यह एकता, टीम वर्क और भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम का प्रतीक भी है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर 10 लाइन का सुंदर निबंध
ये भी पढ़ें
जन्माष्टमी आज: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और 4 खास बातें