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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 19 जून 2023 (10:41 IST)

Baba Amarnath Yatra: 2011 में सबसे ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे अमरनाथ यात्रा में , सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं 2012 में

Baba Amarnath Yatra: 2011 में सबसे ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे अमरनाथ यात्रा में , सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं 2012 में - Amarnath Yatra saw maximum number of devotees in 2011
Baba Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के प्रति एक रिकॉर्ड सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का वर्ष 2011 की यात्रा में बना था, जब रिकॉर्डतोड़ 6.35 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में शिरकत की थी। और उसके अगले साल यानी 2012 में सबसे ज्यादा 119 अमरनाथ (Amarnath) श्रद्धालुओं की मौतें दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई थीं।
 
वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2019 के आंकड़ों पर अगर एक नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2016 में जब हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत हुई थी, सबसे कम 2.20 लाख श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए थे। जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2008 में जब अमरनाथ भूमि आंदोलन को लेकर जम्मू में 2 माह तक लगातार आंदोलन, हड़ताल और कर्फ्यू लागू रहा था तब भी सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन किए थे। हालांकि इस आंकड़े पर आज भी संदेह व्यक्त किया जाता रहा है।
 
2007 से लेकर 2019 तक के आंकड़ों में पिछले साल मात्र 25 दिनों के आंकड़े ने पिछले 4 साल का रिकॉर्ड जरूर तोड़ दिया था जबकि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर इस बार सब सकुशलता से चलता रहा तो इस बार यात्रा एक नया रिकॉर्ड बनाएगी।
 
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमश: 2.63, 5.50, 3.75, 4.59, 6.35, 6.20, 3.53, 3.72, 2.20, 2.60 तथा 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की। ठीक इसी प्रकार सबसे अधिक मौतें 2012 में हुई थीं। तब इसने 119 का आंकड़ा छू लिया था जबकि अभी तक सबसे कम मौतें 2013 की अमरनाथ यात्रा में हुई हैं, जब 14 श्रद्धालुओं की मौत हृदयगति रुकने से हुई थी।
 
रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमश: 50, 72, 45, 100, 111, 119, 14, 45, 41, 18, 60 तथा 34 श्रद्धालुओं की मौतें हुई हैं जबकि पिछले साल 24 दिनों में होने वाली 30 मौतें जरूर चिंता का कारण बन गई थीं।
 
Edited by: Ravindra Gupta