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Last Updated : मंगलवार, 20 मई 2025 (09:30 IST)

अमेरिका ने क्यों ठुकराए भारत के आम, 15 जहाज रोके, इतने करोड़ का होगा नुकसान

Why did America reject India mangoes
अब अमेरिका ने भारत के आम से भरे 15 जहाजों को रोक दिया है। जहाज पोर्ट पर ही खडे रह गए और भारत को करोडों रुपए का नुकसान हो गया। दरअसल, अमेरिकी कस्टम ऑफिसर ने हाल ही में लॉस एंजेल्स, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा समेत कई एयरपोर्ट पर भारत से आए कम से कम 15 आम के जहाजों को रोक दिया।

दरअसल शिपमेंट को दस्तावेज़ों में गड़बड़ी के कारण खारिज कर दिया। इस फैसले से न केवल भारतीय एक्सपोर्ट्स को लगभग $500,000 (लगभग 4.2 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ, बल्कि यह मामला भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

दस्तावेज की गलतियों के आधार पर रोक : बता दें कि इन सभी शिपमेंट को PPQ203 नामक दस्तावेज की गलतियों के आधार पर रोक दिया गया। यह दस्तावेज दर्शाते हैं कि आमों ने आवश्यक कीट नियंत्रण विकिरण उपचार (Irradiation Treatment) प्राप्त किया है। यह प्रक्रिया नवी मुंबई की एक अधिकृत सुविधा में यूएसडीए (USDA) अधिकारी की निगरानी में होती है। हालांकि निर्यातकों का दावा है कि विकिरण प्रक्रिया सही ढंग से पूर्ण हुई थी और बिना PPQ203 दस्तावेज़ के तो माल एयरपोर्ट पर लोड भी नहीं हो सकता था, फिर भी अमेरिकी सीमा सुरक्षा एजेंसियों ने इन फॉर्मों को गलत ढंग से जारी करने का आरोप लगाया और फल को शिपमेंट को रोक दिया।

अब क्या है विकल्प : अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय निर्यातकों को विकल्प दिया था कि या तो शिपमेंट को अमेरिका में ही नष्ट कर दिया जाए या फिर उसे भारत वापस भेजा जाए, लेकिन चूंकि आम जल्दी खराब होने वाला फल है और वापसी की शिपिंग पर अत्यधिक खर्च आता है, इसलिए सभी निर्यातकों ने स्थानीय स्तर पर ही आम को नष्ट करने का विकल्प चुना। एक निर्यातक ने कहा “हमें उस गलती के लिए दंडित किया जा रहा है, जो हमने नहीं की है।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और अमेरिका व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रस्तावित समझौते में जहां भारत ने कई उत्पादों पर टैरिफ में छूट की मांग की है, जैसे कपड़ा, चमड़ा, झींगा, रसायन और अंगूर — वहीं अमेरिका औद्योगिक उत्पादों, वाइन, इलेक्ट्रिक वाहन और डेयरी उत्पादों पर राहत चाहता है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने सचमुच कोई टैरिफ नहीं वाला सौदा प्रस्तावित किया है।
Edited By: Navin Rangiyal   
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