सुरक्षा परिषद में गुप्त वीटो से काम पर पड़ रहा है असर : सैयद अकबरुद्दीन
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने की उसकी कोशिशों में लगातार रोड़ा अटकाने के लिए चीन पर निशाना साधा और प्रतिबंध समितियों जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सहायक अंगों में गुप्त वीटो के इस्तेमाल की आलोचना की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि वे अध्यक्षों के इस सुझाव का स्वागत करते हैं कि यह पहचान की जाए कि कैसे वीटो परिषद में काम करता है और उसका क्या असर पड़ता है?
अकबरुद्दीन ने कहा कि ऐसी बातों में गुप्त वीटो का इस्तेमाल ऐसी जगह करने से जहां पर इस्तेमाल करने के लिए उसे नहीं बनाया गया था, परिषद के काम और उसकी प्रभाव क्षमता पर असर पड़ रहा है। अकबरुद्दीन ने मंगलवार को कहा कि इस संदर्भ में हम परिषद के सहायक अंगों में गुप्त वीटो के इस्तेमाल पर प्रकाश डालना चाहेंगे। मुझे यह स्पष्ट करने दीजिए कि गुप्त वीटो क्या है?
उन्होंने कहा कि गुप्त वीटो का इस्तेमाल करने वाले परिषद के स्थायी सदस्यों को उनके कार्यों के लिए जनता को स्पष्टीकरण देने की जरुरत नहीं है। बहरहाल, अकबरुद्दीन ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया लेकिन यह अच्छी तरह पता है कि जब भी पाकिस्तानी आतंकवादियों या आतंकवादी समूहों की बात आई तो चीन ने अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार प्राप्त स्थायी सदस्य चीन मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों में बार-बार रोड़ा अटकाता है। (भाषा)